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अब कैफे कॉफी डे अपनी प्रापर्टी बेच उतारेगा कर्जा

seema
Published on: 2 Aug 2019 12:27 PM IST
अब कैफे कॉफी डे अपनी प्रापर्टी बेच उतारेगा कर्जा
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अब कैफे कॉफी डे अपनी प्रापर्टी बेच कर्जा उतारेगा

नई दिल्ली : कैफे कॉफी डे इंटरप्राइजेज के संस्थापक वीजी सिद्घार्थ की अचानक मौत के बाद अब कंपनी के डायरेक्टर्स के सामने कंपनी पर चढ़े करीब 3,000 करोड़ रुपए के कर्ज को निपटाने की समस्या है। बोर्ड आफ डायरेक्टर्स ने समूह की संपत्तियों को बेचकर कंपनी के बहीखाते दुरुस्त करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया है। भारी कर्ज बोझ की वजह से ही सिद्घार्थ को अप्रत्याशित कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा।

निदेशक मंडल की बैठक में अंतरिम चैयरमैन, मुख्य परिचालन अधिकारी की नियुक्ति और कारोबार की जिम्मेदारी संभालने के लिए कार्यकारी समिति के गठन जैसे अहम फैसले किए गए। इस समिति पर बहुत जिम्मेदारी होगी क्योंकि सिद्घार्थ ने उत्तराधिकार की कोई योजना नहीं बनाई थी। बोर्ड ने स्वतंत्र निदेशक एसवी रंगनाथ को अंतरिम चेयरमैन बनाया है और नितिन बागमाने को समूह का मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) नियुक्त किया गया है।

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निदेशक मंडल ने इस पर विचार किया कि समूह की कई संपत्तियों की बिक्री की जा सकती है जिससे कर्ज घटाया जा सके। 8 अगस्त को बोर्ड की अगली बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। बंगलुरु की इस कंपनी का कर्ज इस साल मार्च में बढ़कर 6,500 करोड़ रुपए पहुंच गया था, जो पिछले साल 5,100 करोड़ रुपए था। विश्लेषकों को उम्मीद है कि माइंडट्री में हिस्सेदारी की बिक्री से मिली राशि के कारण इस वित्त वर्ष में कंपनी के कर्ज में कमी आएगी। कंपनी साथ ही बेंगलूरु में मैसूर रोड पर स्थित ग्लोबल विलेज टेक पार्क को बेचने की भी योजना बना रही है। इसके लिए निजी इक्विटी कंपनी ब्लैकस्टोन ने दिलचस्पी दिखाई है।

91 एकड़ में फैले इस परिसर में करीब 40 लाख वर्ग फुट बना हुआ क्षेत्र है और यहां दफ्तर के लिए 50 लाख वर्ग फुट जगह और भी विकसित की जा सकती है। एक सूत्र ने कहा कि इस परिसंपत्ति की कीमत 3,500 से 4,000 करोड़ रुपए है। अगर यह सौदा हो गया तो कंपनी के कर्ज में उल्लेखनीय कमी आएगी। इसके अलावा कंपनी के पास बंगलुरु में 21 एकड़ जमीन है। निदेशक मंडल 12,000 एकड़ में फैले कॉफी बागान सहित कई दूसरी संपत्तियों का भी मूल्यांकन कर रहा है। काफी बागान में 90,000 बलूत यानी ओक के वृक्ष भी हैं, जो खासी रकम दे सकते हैं। प्रत्येक वृक्ष की कीमत करीब 10,000 रुपए है। जहां तक कंपनी मेन हिस्सेदारी बेचने की बात है तो इसके लिए कोका कोला और आईटीसी दोनों के साथ बातचीत चल रही है।



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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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