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कैप्टन फातिमा वसीम ने रचा इतिहास, दुनिया की सबसे हाई पोस्टिंग पर तैनात होकर बनी पहली महिला चिकित्सा अधिकारी
First Female Medical Officer: सियाचिन बैटल स्कूल में गहन प्रशिक्षण के बाद चुनौतीपूर्ण ऊंचाई पर स्थित ऑपरेशनल पोस्ट का फातिमा वसीम ने कार्यभार संभाला लिया है।
First Female Medical Officer: बीते कुछ वर्षों में भारतीय सेनाओं में महिलाओं की भागेदारी काफी बढ़ गई है। ग्राउंड ड्यूटी से निकलकर अब देश की बेटियां पुरुषों के साथ कदम तल से कदम मिलाकर दुर्गम इलाकों में भी देश की आन बान शान की रक्षा के लिए तैनात हो रही हैं। कैप्टन फातिमा वसीम भी उन्ही बेटियों में से एक हैं, जिन्होंने देश की सबसे ऊंची चोटी और दुर्गम इलाकों में शुमार को ड्यूटी के चुना है। कैप्टन फातिमा वसीम ने सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशनल पोस्ट पर तैनात हुई हैं। वसीम देश की पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बन गई हैं, जो उन्होंने यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है। सियाचिन बैटल स्कूल में कठिन ट्रेनिंग से गुजरने के बाद उन्हें इस ऑपरेशनल पोस्ट पर पोस्टिंग मिली। इस पोस्टिंग की ऊंचाई 15,200 फीट की है।
गहन प्रशिक्षण के बाद ऐतिहासिक तैनाती,
सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशनल पद पर पहली महिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में कैप्टन फातिमा वसीम की नियुक्ति एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। सियाचिन बैटल स्कूल में गहन प्रशिक्षण के बाद चुनौतीपूर्ण ऊंचाई पर स्थित ऑपरेशनल पोस्ट पर कार्यभार संभाला लिया है। इस उपलक्ष्य पर भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने कैप्टन फातिमा वसीम द्वारा हासिल की गई उपलब्धि को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में फातिमा वसीम की अदम्य भावना और उच्च प्रेरणा पर जोर देते हुए उन्हें सियाचिन ग्लेशियर पर एक ऑपरेशनल पोस्ट पर तैनात होने वाली पहली चिकित्सा अधिकारी के रूप में मनाया गया।
देंखे वीडियो
ऐतिहासिक पोस्टिंग को स्वीकारा, यूनिट में जश्न
भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने कहा, 15,200 फीट पर कैप्टन फातिमा वसीम की तैनाती उनके लचीलेपन का प्रमाण है और अपार प्रेरणा के स्रोत के रूप में कार्य करती है। सियाचिन ग्लेशियर की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ इस कार्य को न केवल ऐतिहासिक बनाती हैं बल्कि उनके अटूट समर्पण का भी परिचायक हैं। कैप्टन फातिमा वसीम की ऐतिहासिक पोस्टिंग को स्वीकार किया। कैप्शन में सियाचिन योद्धा के रूप में उनकी भूमिका पर जोर दिया गया और सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशनल पोस्ट पर पहली महिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में शामिल होने पर उनका जश्न मनाया गया।