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Caste Census Politics: जातीय जनगणना पर सपा – कांग्रेस में रार, अखिलेश ने राहुल गांधी पर बोला हमला
Caste Census Politics: जातीय जनगणना को लेकर सपा - कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। अखिलेश यादव ने राहुल गांधी द्वारा अपनी रैलियों में जाति जनगणना का समर्थन करने पर तंज कसा है।
Caste Census Politics. हिंदी पट्टी के तीन महत्वपूर्ण राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर देश की सियासत गरमाई हुई है। इन राज्यों में केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। वहीं, मध्य प्रदेश में कई ऐसी सीटें है, जहां समाजवादी पार्टी भी मुकाबले में है। कांग्रेस के साथ एमपी में गठबंधन की संभावनाएं धूमिल होने के बाद से सपा सुप्रीमो प्रदेश में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं और बीजेपी के साथ-साथ इंडिया गठबंधन के अपने सहयोगी पर भी निशाना साध रहे हैं।
दरअसल, केंद्र में सत्ता में रहने के दौरान जातीय जनगणना के मुद्दे पर अपने कदम पीछे खींचने वाली कांग्रेस इन दिनों इस मुद्दे को काफी प्रमुखता से उठा रही है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनावी रैलियों में इस पर काफी मुखर दिखते हैं और लगातार मोदी सरकार पर जाति जनगणना न कराने को लेकर हमले कर रहे हैं। कांग्रेस के इस ह्र्दय परिवर्तन पर उसी के सहयोगी अब चुटकी ले रहे हैं।
कांग्रेस का समर्थन करना एक ‘चमत्कार’ – अखिलेश
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लगातार अपनी रैलियों में जाति जनगणना कराने का मुद्दा उठाने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने तंज कसा है। उन्होंने कहा, कांग्रेस द्वारा जाति जनगणना की मांग करना एक ‘चमत्कार’ है। जो लोग एक्स - रे के बारे में बात कर रहे हैं, वे वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के बाद जाति जनगणना बंद कर दी थी। बकौल अखिलेश आज लोगों के पास आधार कार्ड है, सार डेटा उपलब्ध है। तीन महीने में जातियों की गिनती हो सकती है। उन्होंने राहुल गांधी के एक्स-रे वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा कि जब एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) और सीटी (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) स्कैन जैसी नई तकनीक उपलब्ध है तो एक्स-रे क्यों?"
दरअसल, राहुल गांधी ने पिछले दिनों एक चुनावी जनसभा में जातीय जनगणना को देश का सबसे बड़ा मुद्दा बताया था। उन्होंने इसे एक्स-रे बताते हुए कहा था कि ये दलितों, आदिवासियों और ओबीसी की स्थिति पर प्रकाश डालेगा। साथ ही यह भी तय करेगा कि देश का फंड किस आधार पर वितरित किया जा रहा है। अखिलेश यादव ने इसी बयान पर तीखा कटाक्ष किया है।
अखिलेश ने बताया क्यों समर्थन कर रही कांग्रेस
यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने जाति आधारित जनगणना पर कांग्रेस के बदले रूख को उसकी मजबूरी करार दिया है। उन्होंने कहा, कांग्रेस वह पार्टी है जिसने आज़ादी के बाद जातीय जनगणना नहीं कराई। लोकसभा में जब तमाम दल जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे तब उन्होंने जातीय जनगणना नहीं कराई, आज वे ऐसा क्यों कराना चाहते हैं? क्योंकि वे जानते हैं कि उनका पारंपरिक वोटबैंक उनके पास नहीं है।
इससे पहले शुक्रवार को एमपी की सीधी में अखिलेश ने कांग्रेस पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि जब यूपीए की सरकार थी तब लोकसबा में नेताजी मुलायम सिंह य़ादव, लालू यादव, शरद यादव और दक्षिण के नेताओं ने जातिवार गणना की मांग की थी लेकिन कांग्रेस नहीं मानी। उसने आजादी के बाद से इसको रोके रखा मगर अब सभी दल एक ही भाषा बोल रहे हैं, ये समाजवादी पार्टी की जीत है।
यूपी में भी सपा-कांग्रेस में मची है होड़
कास्ट पॉलिटिक्स का सबसे बड़ा अखाड़ा माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस इस मुद्दे के सहारे खुद को पुनर्जीवित करने की कोशिश में है। समाजवादी पार्टी के नक्शेकदम पर चलते हुए कांग्रेस ने जातीय जनगणना की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी अभियान चलाने का निर्णय लिया है। पार्टी इसको लेकर पिछड़ों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। बैकवर्ड क्लास के एक करोड़ लोगों का हस्ताक्षर कराकर राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। इतना ही नहीं हर विधानसभा में एक जनसभा आयोजित की जाएगी, जिसमें जाति आधारित जनगणना के फायदे और कांग्रेस के एजेंडे से लोगों को रूबरू कराया जाएगा।
दरअसल, सपा पिछले कुछ समय से इस मुद्दे पर काफी आक्रमक तरीके से आगे बढ़ रही है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का दांव चल अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। सपा की पीडीए साइकिल यात्रा का मकसद भी यही है। अखिलेश अपने भाषाणों में लगातार जाति गणना की मांग को उठाते रहते हैं। मायावती की अगुवाई वाली बसपा की निष्क्रियता और बीजेपी में असमंजस की स्थिति को देखते हुए सपा को इसका फायदा होने का अनुमान है। इसलिए कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ प्रदेश स्तर पर भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने लगी है।