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Delhi Liquor Case: CBI ने दाखिल की चार्जशीट, मनीष सिसोदिया का नाम गायब
Delhi Liquor Case: दिल्ली आबकारी नीति मामले सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है लेकिन लिस्ट में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है, क्योंकि उनके खिलाफ जांच चल रही है।
Delhi Liquor Case: दिल्ली शराब घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आज शुक्रवार 25 नवंबर 2022 को चार्जशीट दाखिल की। दाखिल की गई चार्जशीट में 7 लोगों के नाम हैं, लेकिन लिस्ट में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है। सीबीआई की चार्जशीट दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष सीबीआई जज एमके नागपाल के समक्ष दायर की गई थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमने सात लोगों के नाम चार्जशीज में लिए हैं। जिसमें इवेंट कंपनी ओनली मच लाउडर (ओएमएल) के पूर्व सीईओ विजय नायर, जो आम आदमी पार्टी से जुड़े थे, हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली, इंडिया अहेड के प्रबंध निदेशक समाचार और आंध्र प्रभा अखबार मूथा गौतम, समीर महेंद्रू, इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक, अरुण रामचंद्र पिल्लई, जो हैदराबाद स्थित एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के मालिक हैं और दो पूर्व आबकारी अधिकारी कुलदीप और नरेंद्र सिंह।
सीबीआई द्वारा कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने जवाब दिया है। उन्होने कहा कि मई जून के महीने से बीजेपी ने ये बात कहनी शुरू कर दी थी, कि एक्साइज पालिसी में गड़बड़ी हुई है। बीजेपी वाले कहते थे कि जेल जाना पड़ेगा, 6 महीने बीत जाने के बाद इनको कुछ नहीं मिला। सीबीआई अफसरों को छापेमारी के बाद भी मनीष सिसोदिया के खिलाफ कुछ नहीं मिला।
उन्होने कहा कि मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर एक बनाया गया लेकिन उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला। चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम तक नहीं है। साबित हो गया कि पूरा का पूरा केस फर्जी था। सिर्फ गुजरात और एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए बीजेपी झूठी प्रेस कांफ्रेंस करती है।
आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर लिखा मनीष सिसोदिया का नाम सीबीआई का चार्जशीट में नहीं है भाजपा के सारे आरोप झूठे साबित हुए। सत्यमेव जयते।
बता दें कि सीबीआई दिल्ली में आप सरकार की नई शराब नीति में गंभीर उल्लंघन के आरोपों की जांच कर रही है, जिसे छह महीने के भीतर वापस ले लिया गया, जिसमें लोगों को शराब की दुकान के लाइसेंस दिए गए थे। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।