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IRCTC Scam: क्या अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जाएंगे जेल! IRCTC घोटाले को लेकर CBI कोर्ट ने भेजा नोटिस

IRCTC Scam: सत्ता में आते ही बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ने लगी है। एक बार फिर IRCTC घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर आ चुका है।

Krishna Chaudhary
Published on: 17 Sept 2022 4:17 PM IST (Updated on: 18 Sept 2022 7:32 AM IST)
cbi moves delhi court against bihar deputy cm tejashwi yadav in irctc scam case
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तेजस्वी यादव

IRCTC Scam: सत्ता में आते ही बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ने लगी है। एक बार फिर IRCTC घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर आ चुका है। तेजस्वी यादव फिलहाल इस मामले में जमानत पर चल रहे हैं। सीबीआई ने इस मामले में उन्हें दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत का रूख किया है। जांच एजेंसी की याचिका पर स्पेशल जस्टिस गीतांजलि गोयल ने बिहार के उपमुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है। सीबीआई की स्पेशल जज गीतांजलि गोयल की अदालत ने उन्हें नोटिस भेजा है। कोर्ट ने तेजस्वी से सवाल किया है कि आपकी जमानत क्यों न रद्द की जाए। इसका जवाब दें। इसके लिए तेजस्वी यादव को 28 सितंबर तक का वक्त दिया गया है। कानून के जानकारों का कहना है कि अगर तेजस्वी यादव समय पर इस नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तो उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक सकती है।

दरअसल उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीबीआई को लेकर एक बयान दिया था। इसके बाद इस बयान को सीबीआई ने गंभीरता से ले लिया। सीबीआई टीम का मानना था कि बिहार के डिप्टी सीएम सीबीआई के अधिकारी को धमकी दे रहे हैं। वे जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसका असर जांच पर भी पड़ सकता है।

बता दें कि 25 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा था कि क्या सीबीआई अधिकारियों की मां और बच्चे नहीं होते। क्या उनका परिवार नहीं है, क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे, क्या वे रिटायर नहीं होंगे, सिर्फ यही पार्टी सत्ता में बनी रहेगी? आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।' बता दें कि IRCTC टेंडर घोटाला मामले में तेजस्वी समेत अन्य आरोपियों पर IPC की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इन धाराओं में तेजस्वी के लिए आगे काफी मुश्किल खड़ी हो सकती है। हालांकि, इस मामले में तेजस्वी 2019 से वे इस मामले में जमानत पर चल रहे हैं।

क्या है आईआरसीटीसी घोटाला?

साल 2004 में जब लालू प्रसाद यादव यूपीए -1 के दौरान रेल मंत्री हुआ करते थे, तब रेलवे के रांची और पुरी स्थित दो होटलों को इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) को ट्रांसफर कर दिया था। इसकी देखरेख का काम सुजाता होटल्स नामक कंपनी को दे दिया गया था। विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक थे। इस आवंटन के एवज में लालू यादव को राजधानी पटना में करोड़ों की जमीन एक शेल कंपनी डिलाइट मार्केटिंग द्वारा ट्रांसफर की गई थी।

इस कंपनी की मालकिन राजद नेता और पूर्व मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता थीं। साल 2010 से 2014 के बीच इस का मालिकाना हक सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास आ गया। इस कंपनी को अब लारा प्राइवेट कंपनी के नाम से जाना जाता है। सीबीआई ने साल 2018 में आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत 14 लोगों पर चार्जशीट दाखिल की थी।

IRCTC घोटाले में ED की एंट्री

सीबीआई जांच के शुरू होने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया। इसके बाद इस केस में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की एंट्री हुई। सीबीआई के एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी केस दर्ज कर जांच शुरू की। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, प्रेमचंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता और अन्य लोगों को आरोपी बनाया था। बता दें कि इस केस में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनकी मां पूर्व सीएम राबड़ी देवी 1-1 लाख रूपये के निजी मुचलके पर अभी जमानत पर हैं।



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aman

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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