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Mahua Moitra : बढ़ने वाली हैं महुआ मोइत्रा की मुश्किलें, जल्द FIR दर्ज करेगी सीबीआई

Cash for Query Case: CBI ने महुआ के खिलाफ FIR दर्ज करने की तैयारी कर ली है। लोकसभा सचिवालय से एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट मांगी गई है।

Krishna Chaudhary
Published on: 11 Jan 2024 1:33 PM IST (Updated on: 11 Jan 2024 1:51 PM IST)
Cash for Query Case (Photo:Social Media)
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Cash for Query Case (Photo:Social Media)

Cash for Query Case. कैश फॉर क्वेरी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद संसद से निष्कासित चल रहीं टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ने वाली है। अब इस मामले की जांच सीबीआई करने जा रही है। एजेंसी ने महुआ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर ली है। लोकसभा सचिवालय से एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट मांगी गई है। एथिक्स कमेटी ने ही इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंपी थी और टीएमसी नेता को दोषी ठहराते हुए संसद से निष्कासित करने की सिफारिश की थी।

लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों की जांच सीबीआई पहले से ही लोकपाल के निर्देशों पर कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई जल्द अपनी जांच रिपोर्ट लोकपाल को सौंप सकती है। इसके बाद अगर लोकपाल एजेंसी को आपराधिक मुकदमा दायर करने का निर्देश देती है तो वह महुआ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकती है।

इसके अलावा अगर लोकसभा सचिवालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 ए के तहत आवश्यक मंजूरी हासिल करते हुए एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट सीबीआई को सौंपता है, तो केंद्रीय जांच एजेंसी बगैर लोकपाल के अनुमति के टीएमसी की पूर्व सांसद पर एफआईआर दर्ज कर सकती है।

महुआ को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली फौरी राहत

पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से 2019 में तृणमुल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वालीं महुआ मोइत्रा को सदन में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 8 दिसंबर को संसद से निष्कासित कर दिया गया था। महुआ ने लोकसभा अध्यक्ष के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जहां बीते 3 जनवरी को सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने महुआ को फौरी राहत देने से इनकार कर दिया।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने महुआ के वकील अभिषेक मनु सिंघवी के उस मांग को ठुकरा दिया, जिसमें निलंबन आदेश पर रोक लगाने और फरवरी में सुनावई करने की अपील की गई थी। कोर्ट ने लोकसभा के सेक्रेट्री जनरल को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है।

क्या है पूरा मामला ?

झारखंड की गोड्डा सीट से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को 'री-इमरजेंस ऑफ नेस्टी कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट' नाम से एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें आरोप लगाया गया कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को सदन में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और कैश मिला। गोड्डा सांसद ने स्पीकर को लिखे लेटर के साथ एडवोकेट और महुआ के पूर्व प्रेमी जय अनंत देहाद्रई की चिट्ठी भी लगाई थी।


रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि उनके पास महुआ मोइत्रा का लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड था। इससे वे खुद ही महुआ की तरफ से सवाल डालते थे। कारोबारी द्वारा आगे कहा गया कि महुआ का मकसद पीएम मोदी को बदनाम करना था। कारोबारी ने 19 अक्टूबर को जो एफिडेविट कमेटी को सौंपा था, उसमें ये बातें दर्ज थीं।

महुआ ने अगले दिन यानी 20 अक्टूबर को सरकार पर दर्शन के सिर पर बंदूक रखवाकर एफिडेविट साइन करवाने का आरोप लगाया था। हालांकि पूर्व टीएमसी सांसद ने बाद में खुद लॉगिन आईडी और पासवर्ड कारोबारी हीरानंदानी को देने और उनसे गिफ्ट लेने की बात स्वीकार कर ली थी।



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Krishna Chaudhary

Krishna Chaudhary

Content Writer

Krishna Chaudhary having four year experience of working in different positions during his Journalism. Having Expertise to create content in Politics, Crime, National and International Affiars.

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