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तबलीगी जमात पर CBI का शिकंजा, शुरू की लेन-देन की जांच
सीबीआई ने तब्लीगी जमात के आयोजकों के खिलाफ कथित रूप से संदिग्ध नकद लेन-देन और अधिकारियों से विदेशी चंदे को छिपाने के मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
तबलीगी जमात से आजकल कौन नहीं वाकिफ है। अभी बीते मार्च के महीने में तबलीगी जमातियों को लेकर पूरे देश में खूब हो हल्ला मचा था। तबलीगियों पर कई तरह के आरोप लगे हैं। जैसे की बिना अनुमति के दिल्ली के निजामुद्दीन में जमात का आयोजन करना। जिसको लेकर पूरे देश में हाहाकार मचा था। क्योंकि इस जमात में विदेश से भी लोग शामिल हुए थे। जिनमें से कुछ कोरोना पॉजिटिव भी थे। जिसके चलते पूरे देश में कोरोना के केसों में एक दम से बढ़ोत्तरी आ गई थी।
जिसके बाद इसके प्रमुख आयोजक मौलाना साद और उसके साथियों पर मुकदमा किया गया था। अब इस तब्लीगीयों को लेकर सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी है। सीबीआई के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि सीबीआई ने तब्लीगी जमात के आयोजकों के खिलाफ कथित रूप से संदिग्ध नकद लेन-देन और अधिकारियों से विदेशी चंदे को छिपाने के मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
सीबीआई ने शुरू की जांच
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अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि सीबीआई ने तब्लीगी जमात के आयोजकों के खिलाफ कथित रूप से संदिग्ध नकद लेनदेन और अधिकारियों से विदेशी चंदे को छिपाने की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। एजेंसी ने प्रारंभिक जांच दर्ज कराने के बाद तब्लीगी जमात के वित्तीय लेन-देन की जांच शुरू की। बता दें कि तब्लीगी जमात तब चर्चा में आई थी जब इसके कई सदस्य लॉकडाउन के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मुख्यालय में एकत्र हो गए थे और देश में कोरोना के मामले बढ़ने के प्रमुख कारण बने थे।
आगे पता चलेगा जांच में आगे बढना है या नहीं
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अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक जांच यह तय करने की दिशा में पहला कदम है कि क्या प्रथम दृष्ट्या ऐसा कुछ मौजूद है जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज करवाने के साथ पूरी जांच के लिए आगे बढ़ना है या नहीं। फिलहाल सीबीआई की इस कार्रवाही से निश्चित ही तब्लीगियों के लिए मुश्किल खड़ीं हो गई है। गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन में बिना अनुमति के और चोरी छुपे आयोजित की गई उस जमात के चलते तबलीगी समाज पर ये सवाल उठ रहे हैं। इसमें ही मुख्य आरोपी मौलाना साद सहित सभी शक के निशाने पर है।