तेजस विमानों की खरीद का रास्ता साफ, CCS सौदे पर लगाएगा अंतिम मुहर

रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी लड़ाकू विमान लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी हल्के युद्धक विमान तेजस मार्क 1ए की खरीद को मंजूरी दी थी। वहीं अब इसकी कीमतों को लेकर खुशखबरी है। रक्षा मंत्रालय और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच इसकी लागत को लेकर तीन वर्षों से बातचीत चल रही थी। इसका नतीजा यह हुआ है कि

suman
Published on: 19 March 2020 6:41 AM GMT
तेजस विमानों की खरीद का रास्ता साफ, CCS सौदे पर लगाएगा अंतिम मुहर
X

नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी लड़ाकू विमान लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी हल्के युद्धक विमान तेजस मार्क 1ए की खरीद को मंजूरी दी थी। वहीं अब इसकी कीमतों को लेकर खुशखबरी है। रक्षा मंत्रालय और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच इसकी लागत को लेकर तीन वर्षों से बातचीत चल रही थी। इसका नतीजा यह हुआ है कि तेजस के इस उन्नत संस्करण की खरीद की कीमत लगभग 18000 करोड़ रुपये कम हो गई है। इधर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने बुधवार को स्वदेश निर्मित 83 आधुनिक तेजस विमानों की खरीद का रास्ता साफ कर दिया। एक साल से उन्नत श्रेणी के तेजस मार्क-1ए लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए), खरीद समझौते की शर्तों और कीमत पर विभिन्न भागीदारों के साथ वार्ता चल रही थी।

यह पढ़ें....कोरोना का कहर: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 75 करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा

विमान भारत में ही डिजाइन, विकसित और उत्पादित किए जा रहे हैं। इनके कलपुर्जे भारतीय उद्योगों द्वारा बनाए गए हैं। अनुमान है कि इसे बनाने वाली भारत सरकार की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रक्षा मंत्रालय के बीच यह सौदा 50,025 करोड़ रुपये का होगा।

डीएसी से पारित होने के बाद प्रस्ताव रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) में जाएगा। सीसीएस की मंजूरी के बाद अब तक के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा सौदे पर मुहर लगेगी। जनरल विपिन रावत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनने और डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (डीओडी) व डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर (डीएमए) के गठन के बाद यह डीएसी की पहली बैठक थी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस नई व्यवस्था में निर्णय लेने में काफी आसानी हो गई है। मंत्रालय के मुताबिक, मेक इन इंडिया के तहत यह बड़ी स्वदेशी सौदों में एक होगा।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, तेजस आने वाले दिनों में वायुसेना का मुख्य विमान होगा। रक्षा मंत्रालय इससे पहले 40 तेजस विमान का सौदा पक्का कर चुका है। तेजस एमके 1ए यानी उन्नत श्रेणी के इन 83 विमानों की खरीद के बाद इसकी भूमिका बढ़ जाएगी। तेजस को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की एयरक्राफ्ट डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने डिजाइन किया है। इसका निर्माण एचएएल द्वारा किया जा रहा है।

यह पढ़ें....कोरोना का कहर: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 75 करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा

इसके साथ ही डीएसी ने वायुसेना के लिए 1,300 करोड़ रुपये के अन्य उपकरणों की खरीद को भी मंजूरी दी है। इनमें एरियल फ्यूज और ट्विन डोम सिम्युलेटर शामिल हैं जो वायुसेना के हॉक एमके32 विमानों में लगाए जाएंगे। पुराने तेजस के मुकाबले नए मार्क-1ए जेट में 43 आधुनिकीकरण किए गए हैं। इनमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (एईएसए) राडार, लंबी दूरी की दृष्टि से परे मार करने वाली मिसाइलें, हवा से हवा में ईंधन भरने की सुविधा और इलेक्ट्रॉनिक युद्धनीति के उपयोग जैसे सुधार प्रमुख हैं।

suman

suman

Next Story