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आतंक पर एक्शन! सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर मसरत आलम गुट पर प्रतिबंध लगाया
Jammu Kashmir: मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) को यूएपीए के तहत एक 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया है।
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) (एमएलजेके-एमए) को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया है।
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एमएलजेके-एमए पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश स्पष्ट है कि राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाए और दोषी के खिलाफ कानून के पूरे प्रकोप का सामना किया जाए।
अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा : मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) को यूएपीए के तहत एक 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, ये जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।
कौन है मसरत आलम
मसरत आलम भट हुर्रियत नेता सैय्यद अली शाह गिलानी का बेहद करीबी माना जाता है। मसर्रत पर आरोप है कि उसने भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा पर मारे गए तीन आतंकियों के मुठभेड़ का फर्जी बताते हुए कश्मीर में हिंसा को भड़काया। जिसके बाद पूरी घाटी में हिंसा हुई। इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की जाने गई थी। मर्सरत के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत कई संगीन मामले दर्ज हैं। गिलानी की मृत्यु के बाद भट को हुर्रियत के गिलानी गुट का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वह 17 साल तक जेल में रह चुका है। उसने 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का समर्थन किया था।