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OTT Platforms Block: 18 OTT, 19 वेबसाइट, 10 ऐप्स और 57 सोशल मीडिया हैंडल बंद, जाने सरकार ने क्यों लिया एक्शन

OTT Platforms Block: केंद्र सरकार ने कहा है कि देशभर में ओटीटी प्लेटफॉर्म की 19 वेबसाइटें, 10 ऐप्स और 57 सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक कर दिया गया है।

Jugul Kishor
Published on: 14 March 2024 7:32 AM GMT (Updated on: 14 March 2024 7:58 AM GMT)
OTT Platforms Block
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सांकेतिक तस्वीर (सोशल मीडिया)

OTT Platforms Block: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अश्लील कंटेट के लिए 18 ओटीटी प्लेटफार्मों (OTT Platforms) को ब्लॉक कर दिया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि देशभर में ओटीटी प्लेटफॉर्म की 19 वेबसाइटें, 10 ऐप्स और 57 सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक कर दिया गया है। सरकार ने पुष्टि की है कि यह प्रतिबंध देश भर में लागू है। यह निर्णय ऑनलाइन अश्लील कंटेट को रोकने और दर्शकों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा लिया गया है।

आईटी अधिनियम, भारतीय दंड संहिता और महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम के उल्लंघन में राष्ट्रव्यापी कंटेंट पर रोक लगा दिया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Information and Broadcasting) ने अश्लील कंटेंट पब्लिश करने वाले 18 ओटीटी प्लेटफार्मों को ब्लॉक करने के लिए विभिन्न मध्यस्थों के साथ समन्वय में कार्रवाई की है। 19 वेबसाइटें, 10 ऐप्स (Google Play Store पर 7, Apple App Store पर 3), और इन प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े 57 सोशल मीडिया अकाउंट भारत में सार्वजनिक पहुंच के लिए अक्षम कर दिए गए हैं।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बार-बार अश्लीलता का प्रचार-प्रसार न करने की प्लेटफार्मों की जिम्मेदारी पर जोर दिया है। 'रचनात्मक अभिव्यक्ति' की आड़ में अश्लीलता और दुर्व्यवहार किया जा रहा है। 12 मार्च को ठाकुर ने घोषणा की कि अश्लील और अश्लील कंटेंट पब्लिश करने वाले 18 ओटीटी प्लेटफार्मों को हटा दिया गया है। हालिया निर्णय भारत सरकार के अन्य मंत्रालय विभागों और मीडिया और मनोरंजन तथा महिला अधिकारों और बाल अधिकार में विशेषज्ञता वाले डोमेन विशेषज्ञों के परामर्श से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत लिया गया था।

इन प्लेटफार्मों पर होस्ट किया कंटेंट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अश्लील और अश्लील पाया गया और महिलाओं को अपमानजनक तरीके से चित्रित किया गया। इसमें विभिन्न अनुचित संदर्भों में नग्नता और यौन कृत्यों को दर्शाया गया है, जैसे कि शिक्षकों और छात्रों के बीच संबंध, अनाचारपूर्ण पारिवारिक रिश्ते, आदि। सामग्री में यौन संकेत शामिल थे और कुछ उदाहरणों में, किसी भी विषयगत या सामाजिक प्रासंगिकता से रहित अश्लील और यौन रूप से स्पष्ट दृश्यों के लंबे खंड शामिल थे। सामग्री को प्रथम दृष्टया आईटी अधिनियम की धारा 67 और 67ए, आईपीसी की धारा 292 और महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 का उल्लंघन माना गया था।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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