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Doordarshan and AIR: आकाशवाणी और दूरदर्शन के कायाकल्प की बड़ी योजना, देंगे निजी चैनलों को टक्कर

Doordarshan and AIR Rejuvenation: केंद्र सरकार दूरदर्शन और आकाशवाणी में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी कर रही है। जिसका खाका तैयार हो जाने के बाद प्रसार भारती के प्रसारण ढांचे और नेटवर्क को अपग्रेड करने के लिए, आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के लिए 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की योजना को मंजूरी दे दी है।

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Published on: 3 July 2023 2:49 PM IST
Doordarshan and AIR: आकाशवाणी और दूरदर्शन के कायाकल्प की बड़ी योजना, देंगे निजी चैनलों को टक्कर
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Doordarshan and AIR (Photo- Social Media)

Doordarshan and AIR Rejuvenation: केंद्र सरकार दूरदर्शन और आकाशवाणी में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी कर रही है। जिसका खाका तैयार हो जाने के बाद प्रसार भारती के प्रसारण ढांचे और नेटवर्क को अपग्रेड करने के लिए, आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के लिए 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की योजना को मंजूरी दे दी है। सरकार की यह योजना बीस साल आकाशवाणी और दूरदर्शन का स्वरूप कैसा होगा इसे ध्यान में रखकर तैयार की गई है।

दूरदर्शन और आकाशवाणी के खबरें प्रस्तुत करने के परंपरागत तरीके को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। यही वजह है कि लोग जिसमें अधिकांश युवा शामिल हैं वह दूरदर्शन और आकाशवाणी को गुजरे ज़माने का न्यूज़ चैनल भी कहने लगे हैं और उनका रुझान एफएम रेडियो और टीवी के अन्य चैनलों की ओर बढ़ रहा है।

दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो में बड़े बदलाव करने की तैयारी

इसी वजह से केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय सरकारी न्यूज़ चैनल दूरदर्शन और रेडियो, ऑल इंडिया रेडियो में बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। दर्शकों की रुचि बढ़ाने के लिए मंत्रालय, दूरदर्शन की कार्यशैली में बड़े बदलाव करने जा रहा है । जिससे अगर दर्शक ख़बरें देखना चाहे तो दूरदर्शन उनकी पहली पसंद हो। आकाशवाणी आज के समय के अनुरूप हो। इसके लिए बाहर से क्रिएटिव लोगों को लाए जाने का भी प्लान है। जिससे आकाशवाणी और दूरदर्शन के प्रोग्रामों की गुणवत्ता में सुधार हो।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 2025-26 तक 2,539.61 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र की 'प्रसारण अवसंरचना और नेटवर्क विकास (बीआईएनडी)' योजना की घोषणा की, जिसे सीसीईए द्वारा अनुमोदित किया गया था।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "बाइंड योजना प्रसार भारती को इसके प्रसारण बुनियादी ढांचे के विस्तार और उन्नयन, सामग्री विकास और संगठन से संबंधित नागरिक कार्य से संबंधित खर्चों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का माध्यम है।"

"प्रसार भारती, देश के सार्वजनिक प्रसारक के रूप में, दूरदर्शन और अखिल भारतीय रेडियो (एआईआर) के माध्यम से विशेष रूप से देश के दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों के लिए सूचना, शिक्षा, मनोरंजन और जुड़ाव का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। बयान में कहा गया है, "प्रसार भारती ने कोविड महामारी के दौरान जनता को स्वास्थ्य संदेश और जागरूकता पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"

BIND योजना सार्वजनिक प्रसारक को बेहतर बुनियादी ढाँचे के साथ अपनी सुविधाओं का एक बड़ा उन्नयन करने में सक्षम बनाएगी, जिससे वामपंथी उग्रवाद, सीमा और रणनीतिक क्षेत्रों सहित इसकी पहुंच का विस्तार होगा और दर्शकों को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री मिलेगी। मंत्रालय ने कहा कि योजना का एक अन्य प्राथमिकता क्षेत्र घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों दोनों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का विकास और अधिक चैनलों को समायोजित करने के लिए डीटीएच प्लेटफॉर्म की क्षमता का उन्नयन करके दर्शकों के लिए विविध सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

ओबी वैन की खरीद और डीडी और आकाशवाणी स्टूडियो को एचडी रेडी बनाने के लिए डिजिटल अपग्रेडेशन भी परियोजना के हिस्से के रूप में किया जाएगा। ठाकुर ने कहा कि यह योजना कल्पना करती है कि 20 साल बाद दूरदर्शन कैसा होना चाहिए।

"प्रसार भारती सार्वजनिक प्रसारक है...यह केवल लाभ कमाने के बारे में नहीं है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार के काम और योजनाओं के बारे में जानकारी लोगों तक पहुंचे। विभिन्न रिपोर्टों ने सामग्री की गुणवत्ता की ओर इशारा किया है, चाहे वह दूरदर्शन हो या आकाशवाणी।" ठाकुर ने कहा, डीडी और आकाशवाणी दोनों मोबाइल फोन पर भी उपलब्ध हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में दूरदर्शन 28 क्षेत्रीय चैनलों सहित 36 टीवी चैनलों का संचालन करता है और आकाशवाणी 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों का संचालन करता है। BIND योजना देश में AIR FM ट्रांसमीटरों के कवरेज को वर्तमान 59 प्रतिशत से भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से 66 प्रतिशत तक बढ़ाएगी, और जनसंख्या के हिसाब से 80 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।

योजना के तहत, आठ लाख डीडी फ्री डिश डीटीएच सेट टॉप बॉक्स (एसटीबी) दूरस्थ, आदिवासी, एलडब्ल्यूई, सीमावर्ती क्षेत्रों और 'आकांक्षी' जिलों में रहने वाले लोगों को भी वितरित किए जाएंगे।

रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद

सार्वजनिक प्रसारण के दायरे को बढ़ाने के अलावा, प्रसारण बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और वृद्धि के लिए परियोजना में प्रसारण उपकरणों की आपूर्ति और स्थापना से संबंधित निर्माण और सेवाओं के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने की भी क्षमता है। एआईआर और डीडी के लिए सामग्री निर्माण और नवाचार में टीवी/रेडियो उत्पादन, प्रसारण और संबंधित मीडिया संबंधित सेवाओं सहित सामग्री उत्पादन क्षेत्र में विभिन्न मीडिया क्षेत्रों के विभिन्न अनुभव वाले व्यक्तियों के अप्रत्यक्ष रोजगार की क्षमता है। डीडी फ्री डिश की पहुंच के विस्तार की परियोजना से भी एसटीबी के निर्माण में रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।

अब तक दूरदर्शन के ज़्यादातर काम सरकार के नौकरशाह ही देखा करते थे लेकिन अब नौकरशाही को सिर्फ़ प्रशासकीय और वित्तीय कामकाज तक सीमित किया जाएगा। इसके अलावा प्रोग्रामिंग और कंटेंट के लिए बाहर से नामी और अनुभवी पेशवर लोगों को दूरदर्शन और AIR में काम पर रखा जाएगा, जिससे दूरदर्शन और आकाशवाणी भी बाक़ी निजी न्यूज़ चैनलों से टक्कर ले सके।



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