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Cervical Cancer Vaccine: सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए होगा लड़कियों का टीकाकरण
Cervical Cancer Vaccine: भारत अगले साल सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए अपनी पहली स्वदेशी विकसित ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन लॉन्च करने के लिए तैयार है।
Cervical Cancer Vaccine: अब देश में 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाव का टीका लगाया जाएगा। केंद्र सरकार स्कूलों के माध्यम से ये टीका उपलब्ध कराएगी। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रत्येक जिले में कक्षा 5 से 10 में नामांकित लड़कियों की गिनती शुरू करने को कहा है।
दरअसल, भारत अगले साल सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए अपनी पहली स्वदेशी विकसित ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन लॉन्च करने के लिए तैयार है। टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम में एचपीवी वैक्सीन को 9-14 वर्षीय किशोर लड़कियों के लिए शुरू करने की सिफारिश की है। इसके बाद नौ साल की उम्र में नियमित एचपीवी टीकाकरण किया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विश्व स्तर पर सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है। भारत में, सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है, और भारत वैश्विक सर्वाइकल कैंसर के बोझ के सबसे महत्वपूर्ण अनुपात में योगदान देता है।
शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि जो लड़कियां अभियान के दिन स्कूल नहीं जा सकती हैं, उनके लिए हेल्थ सेंटर में टीकाकरण प्रदान किया जाएगा। स्कूल न जाने वाली लड़कियों के लिए सामुदायिक आउटरीच और मोबाइल टीमों के माध्यम से अभियान चलाया जाएगा। टीकाकरण संख्या के पंजीकरण, रिकॉर्डिंग और रिपोर्टिंग के लिए यू-विन ऐप का उपयोग किया जाएगा।
छात्राओं के बीच एचपीवी वैक्सीन के महत्व के बारे में जागरूकता
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और देश भर की छात्राओं के बीच एचपीवी वैक्सीन के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने का भी निर्देश दिया। राज्यों को टीकाकरण के लिए स्कूलों में एचपीवी टीकाकरण केंद्र आयोजित करने को कहा गया है।
सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है और ठीक किया जा सकता है अगर इसका जल्दी पता चल जाए और प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जाए। अधिकांश सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) से जुड़े होते हैं। एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामलों को रोक सकता है बशर्ते टीका लड़कियों या महिलाओं को वायरस के संपर्क में आने से पहले दिया जाए।
प्रतिष्ठित लांसेट पत्रिका में छपे एक अध्ययन के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर से होने वाली कुल मौतों में से 40 प्रतिशत में से 23 प्रतिशत भारत में और 17 प्रतिशत चीन में होती हैं। जानकारों के अनुसार, 1980 के दशक में 1,00,000 भारतीय महिलाओं में से 38 को सर्वाइकल कैंसर से प्रभावित देखते थे। बढ़ती जागरूकता और स्वास्थ्य देखभाल तक समय पर पहुंच के साथ अब ये आंकड़ा सालाना लगभग 18 है। लेकिन यह अभी भी एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता बनी हुई है, विशेष रूप से अल्प-विकसित क्षेत्रों में।