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Admission Age Limit Change: बच्चों की स्कूलों में एडमिशन की उम्र में बड़ा बदलाव, जानिए नए नियम

Child Admission Age: शिक्षा मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बच्चों के एडमिशन के लिए आयु सीमा तय कर दी है।

Snigdha Singh
Written By Snigdha Singh
Published on: 23 Feb 2023 9:46 AM GMT
Admission Age Rule change under NEP
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Admission Age Rule change under NEP (Image: Social Media)

Child Age for Admission: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब स्कूलों में प्रवेश के लिए बच्चों की उम्र में बदलाव कर दिया गया। शिक्षा मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह नियम एक साथ लागू किया। नए नियम के अनुसार पहली कक्षा में प्रवेश के लिए कम से कम छह साल आयु सीमा तय की गई है। यदि इससे अधिक बच्चों की उम्र होती तो प्रवेश प्रक्रिया में समस्याएं हो सकती है।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए यह नियम तय किया गया है। इसके लिए 3 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए पांच साल के सीखने के अवसर शामिल है। इसमें तीन साल की प्री स्कूल एजुकेशन और फिर कक्षा 1 और 2 शामिल हैं। यह केवल आंगनवाड़ियों या सरकारी स्कूल, निजी और गैर-सरकारी संगठन द्वारा संचालित स्कूल प्री-स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए तीन साल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सुनिश्चित करके ही किया जा सकता है। इस नियम को लागू करने से अभिभावकों के तबादले होने पर भी बच्चों के दाखिले किसी तरह की रुकावट या समस्या नहीं होगी। देशभर में ही बच्चों के दाखिले की उम्र एक समान होगी।

अभी तक क्या थे नियम

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पहले देश भर में प्रवेश को लेकर कई अलग अलग नियम थे। दरअसल, केंद्रीय स्कूलों के अलावा कई राज्यों में पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र पहले से ही 6 साल रखी गई है। लेकिन कई राज्यों में प्रवेश की उम्र में साल-डेढ़ साल का अंतर था। कुछ जगहों पर पांच तो कुछ में साढ़े पांच साल का नियम था। शिक्षा मंत्रालय के बदलाव से अब राज्य स्तर पर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एक आयु सीमा ही लागू होगी।

क्या कहती है राष्ट्रीय शिक्षा नीति?

नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा जिससे कि 12 साल की स्कूल शिक्षा होगी और 3 साल की फ्री स्कूल शिक्षा होगी। एनईपी-2020 देश के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में बुनियादी स्तर पर बच्चों के सीखने की शक्ति और समझ विकसित करने की सिफारिश करती है। पहले यानि मूलभूत चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए पांच साल सीखने के अवसर होते हैं, जिसमें तीन साल की प्री-स्कूल शिक्षा और दो साल की प्रारंभिक प्राथमिक ग्रेड-I और ग्रेड- II शामिल हैं।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During her career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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