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Champai Soren: ‘झारखंड में आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में’, भगवा ओढ़ते ही चंपई सोरेन ने लिया ये संकल्प
Champai Soren: भाजपा में शामिल होने के बाद शुक्रवार को कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए भाजपा नेता और पूर्व सीएम चंपई सोरेनन ने कहा कि मैं झारखंड के विकास के लिए काम करूंगा और हम बांग्लादेश से घुसपैठ रोकेंगे।
Champai Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नेता चंपई सोरेन ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। भगवा का दामन थमाते ही भाजपा नेता चंपई सोरेन ने अपने मुद्दे भी लोगों के सामने रख दिए। उन्होंने झारखंड में बांग्लादेश से घुसपैठ रोकने का संकल्प लिया और साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह में अपनी आस्था व्यक्त करते हुए झारखंड के विकास के लिए काम करने का भी वादा किया।
‘आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में’
भाजपा में शामिल होने के बाद शुक्रवार को कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए भाजपा नेता और पूर्व सीएम चंपई सोरेनन ने कहा कि मैं झारखंड के विकास के लिए काम करूंगा और हम बांग्लादेश से घुसपैठ रोकेंगे। बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण आदिवासी गांव खत्म हो रहे हैं, यहां पर आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है। आदिवासियों को बचाने के लिए हमें भाजपा के साथ रहना होगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा भारत में केवल भाजपा ही उठा सकती है, इसलिए राज्य में इस घुसपैठ को रोकने और आदिवासी की हितों की रक्षा के लिए भाजपा में शामिल हुआ हैं।
जानिए क्यों थे चंपई सोरेन नाराज
उन्होंने कहा कि मुझे देश के प्रधानमंत्री और अमित शाह पर भरोसा है। मैं अब दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के साथ हूं। पहले मैं एक क्षेत्रीय पार्टी में था। बता दें कि मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने क बाद चंपई सोरेन झारखड़ मुक्ति मोर्चा पार्टी और उसके अध्यक्ष शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नाराज चल रहे थे। सोरेन ने 28 अगस्त को सभी पदों और झामुमो की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद दो दिन बाद 30 अगस्त को उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली।
इन नेताओं ने चंपई का किया स्वागत
रांची में एक कार्यक्रम में चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हुए। चंपई सोरेन ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडे की मौजदूगी में पार्टी में शामिल हुए और उनका पटका पहनाकर स्वागत किया। चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री पद का भार ग्रहण किया था, जब हेमंत सोरेन ने धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले पद से इस्तीफा दिया था। दो महीने से भी कम समय में मामले में हेमंत सोरेन की जमानत के बाद उन्हें कुर्सी पर वापस लाने के लिए सोरेन को पद छोड़ना पड़ा।
चंपई से क्या भाजपा को होगा फायदा?
चंपई सोरेन ने ऐसे समय जेएमएम को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं, जब प्रदेश में इस साल के अंत में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं। ऐसें जेएमएम को बड़ा झटका और भाजपा के लिए बड़ा फायदा होना माना जा रहा है। चंपई सोरेन के प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार हैं और उनकी सूबे की कई विधानसभा सीटों में पकड़ है। चंपई सोरेन ने राज्य में आदिवासियों के कल्याण के लिए 27 अगस्त को भाजपा में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा की।