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Chandigarh News: नगर निगम में हुआ बड़ा खेल, मेयर का इस्तीफा, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले आप के तीन पार्षद भाजपा में शामिल

Chandigarh News: आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के इस्तीफे के बाद चंडीगढ़ नगर निगम का पूरा समीकरण बदल गया है। अब भाजपा का खेमा मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है। अब भाजपा के पास कुल 17 पार्षद हो गए हैं जबकि पार्टी के पास एक सांसद का भी वोट है।

Anshuman Tiwari
Published on: 19 Feb 2024 8:59 AM IST
Chandigarh News: नगर निगम में हुआ बड़ा खेल, मेयर का इस्तीफा, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले आप के तीन पार्षद भाजपा में शामिल
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Chandigarh News: चंडीगढ़ नगर निगम में बड़ा खेल हुआ है। मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई से पहले मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी को करारा झटका लगा है क्योंकि पार्टी के तीन पार्षद पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। आपसे इस्तीफा देने वाले पार्षदों में नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी के नाम शामिल हैं। बाद में इन तीनों पार्षदों ने चंडीगढ़ में भाजपा के चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े से भी मुलाकात की।

चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा पर धोखाधड़ी के जरिए अपना मेयर बनाने का बड़ा आरोप लगाया था। चुनाव में धांधली के आरोपों को लेकर दोनों पार्टियों में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया था। पहली सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने मेयर के कामकाज पर रोक लगाने के साथ चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

भाजपा के मनोज सोनकर ने जीता था चुनाव

चंडीगढ़ में मेयर चुनाव का मामला पिछले कई दिनों से गरमाया हुआ है। 30 जनवरी को हुए चुनाव में भाजपा के मनोज सोनकर मेयर चुने गए थे जिसके बाद आप और कांग्रेस ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था दोनों दलों का कहना था कि चुनाव अधिकारी की ओर से मत पत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई। मेयर के चुनाव में सोनकर ने आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को हराया था।

सोनकर को 16, जबकि कुमार को 12 वोट मिले थे तथा आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे। अवैध मतों को लेकर काफी खींचतान हुई थी जिसके बाद कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी

इस मामले को लेकर पहली सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी। चीफ जस्टिस ने मेयर पद के चुनाव को लोकतंत्र की हत्या करने जैसा बताया था। शीर्ष अदालत ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने के साथ ही चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों का पूरा रिकॉर्ड हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास जब्त करने और मतपत्र, वीडियोग्राफी को भी संरक्षित रखे जाने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि इस मामले में रिटर्निग ऑफिसर अनिल मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। बीजेपी माइनॉरिटी सेल के महासचिव अनिल मसीह की देखरेख में ही चंडीगढ़ के मेयर पद का चुनाव कराया गया था। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई से पहले ही भाजपा ने उन्हें पद से हटा दिया था। अब आज होने वाली सुनवाई के दौरान अनिल मसीह को भी शीर्ष अदालत के सामने पेश होना है।

तीन पार्षदों के इस्तीफे से बदला समीकरण

वैसे आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के इस्तीफे के बाद चंडीगढ़ नगर निगम का पूरा समीकरण बदल गया है। अब भाजपा का खेमा मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है। अब भाजपा के पास कुल 17 पार्षद हो गए हैं जबकि पार्टी के पास एक सांसद का भी वोट है। शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का समर्थन भी भाजपा को हासिल है। इस तरह भाजपा के कुल वोटों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है।

दूसरी ओर कांग्रेस और आप गठबंधन के पास कुल 17 वोट हैं जिसमें आम आदमी पार्टी के 10 और कांग्रेस के सात पार्षद शामिल हैं। चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं जबकि एक सांसद का वोट मिलाकर 36 वोट डाले जाते हैं। इन्हीं 36 वोटों के जारिए चंडीगढ़ के मेयर का चुनाव किया जाता है। हाल में हुए मेयर चुनाव के दौरान धांधली के आरोपों को लेकर यह मामला काफी गरमाया हुआ है। अब भाजपा ने तीन पार्षदों को तोड़कर आप को करारा झटका दिया है।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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