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Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण पर आज भूल से भी ना करें ये काम, हो सकता है बड़ा नुकसान
Lunar Eclipse 2022: चंद्र ग्रहण के दिन भी ठीक ऐसे ही किसी ज़रूरी या महत्वपूर्ण कार्य को करने की मनाही होती है, क्योंकि इस दिन किया गया कार्य संकट पैदा कर सकता है।
Chandra Grahan 2022: साल 2022 का पहला चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse Today) सोमवार बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के अवसर पर पड़ने वाला है। ऐसे में हिन्दू धर्म और प्रचलित कथाओं के माध्यम से चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है। अमूमन ग्रहण शब्द को ही अशुभ माना जाता है, ग्रहण का अर्थ होता है किसी जारी काम का रुक जाना अथवा काम में कोई बाधा आ जाना।
चंद्र ग्रहण (lunar eclipse 2022) के दिन भी ठीक ऐसे ही किसी ज़रूरी या महत्वपूर्ण कार्य को करने की मनाही होती है, क्योंकि इस दिन किया गया कार्य संकट पैदा कर सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही बातों और कार्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें किसी भी हाल में चन्द्र ग्रहण के दिन नहीं करना चाहिए।
साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण
हिन्दू धर्म में ग्रहण को नकारात्मकता के तौर पर देखा जाता है, जिसके चलते चंद्र अथवा सूर्य ग्रहण के दिन किसी भी शुभ अथवा आवश्यक कार्य को अंजाम नहीं दिया जाता है। आपको बता दें कि साल 2022 का यह पहला चंद्र ग्रहण सोमवार सुबह 8.59 बजे से शुरू होकर सुबह 10.23 बजे तक जारी रहेगा।
आपको बता दें, इस चन्द्र ग्रहण का साक्षात अनुभव भारत के अधिकांश हिस्सों से नहीं किया जा सकता है, जिसके बावजूद भी हिन्दू धर्म में इसके नकारात्मक प्रभाव को उतने ही गंभीर रूप से लिया गया है।
चन्द्र ग्रहण के दिन निम्न कामों को करने से बचें
व्यापार अथवा अन्य क्षेत्र में चंद्र ग्रहण के दिन किसी नए या ज़रूरी काम को अंजाम ना दें, क्योंकि ऐसा करने से आपको धन की भारी हानि हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं को इस दिन विशेष एहतियात बरतने और चंद्र ग्रहण की समय अवधि के दौरान खुले आसमान के नीचे जाने से बचें और यदि आवश्यकता ना हो तो ग्रहण के दिन अकारण घर से बाहर ना निकलें। गर्भवती महिलाएं इस दिन विशेष रूप से धारदार वस्तु से दूरी बनाकर रखें।
घर अथवा व्यापार के किसी बन्द ताले को ग्रहण के दिन खोलने से बचें। ऐसा करने से भारी आर्थिक और आपसी नुकसान देखने को मिल सकता है।
ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए सबसे सरल और हमेशा से चला आ रहा एकमात्र उपाय है 'दान'। हिन्दू धर्म में दान करने वाले का ओहदा हमेशा ऊपर रहा है फिर चाहे वह दान ग्रहण अथवा किसी विषम दिन ही क्यों ना दिया गया हो।
ऐसा प्रचलन है कि ग्रहण के दौरान भगवान मुश्किलों में होते हैं और इस दौरान यदि हम भोजन करते हैं, कोई नया काम करते हैं अथवा किसी ज़रूरी कार्य को अंजाम देते हैं तो भगवान हमसे नाराज़ हो सकते हैं। इसलिए ऐसा कोई भी काम ग्रहण की अवधि खत्म होने के बाद ही करें।