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Chhattisgarh Election Exit Poll 2023: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भाजपा से बचाने में कामयाब होगी अपना गढ़, देखें न्यूज़ट्रैक/इलेक्शन चस्का चुनावी सर्वे

Chhattisgarh Election Exit Poll 2023: भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने लगातार कहा है कि भाजपा राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों में कांग्रेस सरकारों को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है, बघेल ने यहां तक कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा की असली चुनौती है ईडी।

Yogesh Mishra
Published on: 28 Nov 2023 12:54 PM GMT (Updated on: 30 Nov 2023 12:54 PM GMT)
Chhattisgarh Election Survey 2023
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Chhattisgarh Election Survey 2023

Chhattisgarh Election Exit Poll 2023: छत्तीसगढ़ में दो चरण के राज्य विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया है। अब वोटों की गिनती का इंतज़ार है। नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किये जायेंगे। प्रदेश के चुनावी मैदान में कुल 958 उम्मीदवार हैं। इनमें जिनमें निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जैसे राजनीतिक दिग्गज भी शामिल हैं। इस चुनाव में उपमुख्य मंत्री टीसिंह देव, आठ राज्य मंत्रियों और चार संसद सदस्यों ने 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में चुनाव लड़ा। न्यूज़ट्रैक/ इलेक्शन चसका का सर्वे अनुमान है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार सत्ता में बनी रहेगी। भाजपा कांग्रेस का क़िला भेदने में कामयाब नहीं हो पायेगी।

कांग्रेस-56

भाजपा-30

टफ फाइट-4

जानते हैं कि न्यूज़ट्रैक/ इलेक्शन चसका के सर्वे के क्या अनुमान हैं

- कोरिया जिले की भरतपुर-सोनहत (एसटी), मनेन्द्र गढ़ और बैकुंठपुर सीटों में कांग्रेस को 2 और भाजपा को 1 सीट मिलने का अनुमान है।

- सुराजपुर जिले की प्रेमनगर और भटगाँव सीट में कांग्रेस को एक और भाजपा को एक सीट मिलने का अनुमान है।

- बलरामपुर जिले की प्रतापपुर (एसटी), रामानुजगंज (एसटी) और सामरी (एसटी) सीट में कांग्रेस को 2 और भाजपा को एक सीट मिलने का अनुमान है।

- सरगुजा जिले की लुन्द्रा (एसटी), अंबिकापुर और सीतापुर (एसटी) सीटों पर कांग्रेस को एक और भाजपा को तीन सीटों पर जीत हासिल हो सकती है।

- जशपुर जिले में कुंकरी (एसटी), पथलगांव (एसटी) और जशपुर (एसटी) सीटों में कांग्रेस को दो और भाजपा को एक सीट मिलने का अनुमान है।

- रायगढ़ जिले में लैलुंगा (एसटी), रायगढ़, सारंगढ़ (एससी) खरसिया और धर्मराजगढ़ (एसटी) सीटों में कांग्रेस को दो और भाजपा को तीन विधानसभा क्षेत्रों में विजय मिलने का अनुमान है।


- कोरबा जिले में रामपुर, कोरबा, कटघोरा और पली तानाखर (एसटी) सीट में कांग्रेस को दो और भाजपा को दो सीट मिलने का अनुमान है।

- गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की मरवाही (एसटी) और कोटा सीटों में कांग्रेस को एक और भाजपा भी एक सीट मिल सकती है।

- मुंगेली जिले में मुंगेली (एससी) और लोरमी सीट पर कान्ग्रे और भाजपा को एक एक सीट मिल सकती है।

- बिलासपुर जिले में तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा, मस्तुरी (एससी) सीटों में कांग्रेस को दो और भाजपा को दो सीटें मिल सकती हैं जबकि एक सीट पर कडा मुकाबला होगा।

- जंगीर चंपा जिले में जंगीर-चप्मा, सकती, चंद्रपुर, जैजैपुर और पामगढ़ (एससी) सीटों में कांग्रेस को दो और भाजपा को चार सीटें मिल सकती हैं।


- महासमंद जिले में सरईपाली (एससी), बसना, कहाल्लारी, महासमंद सीटों में कांग्रेस और भाजपा को दो-दो सीटें मिल सकती हैं।

- बलोदा बाजार जिले की बिलाईगढ़ (एससी), कसडोल, बलोदा बाजार और भाटापारा सीटों में कांग्रेस और भाजपा को दो दो सीटें मिल सकती हैं।

- रायपुर जिले में रायपुर सिटी ग्रामीण, रायपुर सिटी वेस्ट, रायपुर सिटी नार्थ, रायपुर सिटी साउथ, आरंग (एससी) और अभनपुर सीटों पर कांग्रेस – भाजपा को तीन तीन सीटें मिल सकती हैं।

- गरियाबाद जिले में राजिम और बिन्द्रवागढ़ सीटों में कांग्रेस को दोनों सीटें मिलने का अनुमान है

- धमतरी जिले की कुरूद, सिहावा (एसटी), धमतरी सीटों में कांग्रेस को दो और भाजपा को एक सीट मिल सकती है।

- बालोद जिले में संजारी बालोद, दौन्दी लोहरा (एसटी) और गुंदरदेहि सीटों में कांग्रेस को दो और भाजपा को एक सीट मिल सकती है।

- दुर्ग जिले में पाटन दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग सिटी, भिलाई नगर, वैशाली नगरः और अहिवारा सीट में कांग्रेस को दो और भाजपा को दो सीट मिल सकती है लेकिन दो सीटों पर कड़ा मुकाबला है।


- बेमेतरा जिले में साजा, बेमेतरा और नवगढ़ सीटों में कांग्रेस को दो और भाजपा को एक सीट मिल सकती है।

- कबीरधाम जिले में पंडरिया और कावर्धा सीटों पर कांग्रेस को दो सीटें मिलने का अनुमान है।

- राजनांदगांव जिले में डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला-मानपुर (एसटी), खैरागढ़, डोंगरगढ़ (एससी) और राजनांदगांव सीटों में कांग्रेस और भाजपा को तीन तीन सीटें मिल सकतीं हैं।

- कांकेर जिले में अंतागढ़ (एसटी), भानुप्रतापपुर (एसटी) और कांकेर (एसटी) सीटों में कांग्रेस को तीन सीटें मिलने का अनुमान है।

- कोंडागाँव जिले में केशकाल (एसटी), और कोंडागांव (एसटी) सीट में कांग्रेस और भाजपा को एक एक मिलने की उम्मीद है।

- नारायणपुर जिले में नारायणपुर (एसटी) सीट पर कांग्रेस के जीतने का अनुमान है।

- बस्तर जिले में बस्तर (एसटी), जगदलपुर और चित्रकोट सीटों में कांग्रेस को तीनों में विजयी रहने का अनुमान है।

- दंतेवाडा जिले में दंतेवाडा (एसटी) सीट पर कांग्रेस को जीत मिलने का अनुमान है।

- बीजापुर जिले में बीजापुर (एसटी) सीट पर कांग्रेस के जीतने का अनुमान है।

- सुकमा जिले में कोंटा (एसटी) सीट पर कांग्रेस की जीत का अनुमान है।

सरकार कांग्रेस की बनने की उम्मीद

यानी कुल 90 सीटों में कांग्रेस को 51 और भाजपा को 35 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि चार पर कड़ा मुकाबला है। वह किसी भी तरफ जा सकती हैं।


प्रमुख घटक

भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने लगातार कहा है कि भाजपा राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों में कांग्रेस सरकारों को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है, बघेल ने यहां तक कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा की असली चुनौती है ईडी। इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच, ईडी ने पूरे छत्तीसगढ़ में कार्रवाइयों कर 11 प्रेस विज्ञप्ति जारी कीं। नामित आरोपियों में छत्तीसगढ़ राज्य सिविल सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया, जो सीएम बघेल की पूर्व सहायक थीं, रायपुर के मेयर ऐजाज़ ढेबर के भाई अनवर ढेबर शामिल थे। इसमें कांग्रेस नेता देवेन्द्र यादव, रामगोपाल वर्मा और अन्य की संपत्तियां भी कुर्क की गईं। भिलाई शहर सीट से सबसे कम उम्र के विधायक यादव, उसी सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें बघेल का वफादार माना जाता है। महादेव ऐप मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने सीएम बघेल के राजनीतिक सलाहकार और करीबी पूर्व पत्रकार विनोद वर्मा के घर पर छापेमारी की।

एक और महत्वपूर्ण मुद्दा है, धान की खेती करने वालों के लिए उचित मूल्य, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और जल, जंगल और ज़मीन की सुरक्षा सहित आदिवासियों से संबंधित मामले प्रमुख मुद्दे रहे।

छत्तीसगढ़ में लगभग 38 लाख किसानों के साथ, कृषि और धान से संबंधित मुद्दा राज्य में राजनीतिक दलों के भाग्य का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर जब कांग्रेस ने 2018 में सत्ता में आने के तुरंत बाद किसानों का ऋण माफ कर दिया है, जैसा कि वादा किया गया था धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2100 से 2500 रुपये और बढ़ गया है।

Admin 2

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