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पूर्व CM अजीत जोगी के गले में फंस गई ये चीज, हालत नाजुक, 48 घंटे बेहद अहम
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की शनिवार को अचानक तबियत बिगड़ने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के बाद रायपुर के श्री नारायण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की शनिवार को अचानक तबियत बिगड़ने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के बाद रायपुर के श्री नारायण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। अजीत जोगी का हेल्थ बुलेटिन अस्पताल प्रशासन ने जारी कर दिया है।
शनिवार शाम को जारी हेल्थ बुलेटिन में कहा गया है कि अजीत जोगी की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। आने वाले 48 से 72 घंटे उनके लिए बेहद अहम हैं। डाॅक्टरों की टीम उन पर नजर रख रही है।
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74 साल के अजीत जोगी के सांस नली में सुबह इमली खाते हुए बीज फंस गया था, जिसकी वजह से घर पर ही पहले उन्हें रेस्पीरेट्री अरेस्ट आ गया, फिर कार्डियक अरेस्ट हुआ। अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेट कर बीज सांस नली से निकाल दिया है।
अस्पताल प्रशासन के एक्सपर्ट डॉक्टर अजीत जोगी के स्वास्थ्य पर नजर रख रहे हैं। अजीत जोगी के ब्रेन का भी सिटी स्कैन हुआ है। उनके दिमाग में सेरिब्रल एडिमा (दिमाग में सूजन) है। फिलहाल उनका हृदय सामान्य तौर पर काम कर रहा है। उनको वेंटिलेटर पर रखा गया है और हालत गंभीर बनी हुई है। अगले 48 से 72 घंटे उनके लिए बेहद अहम हैं।
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बता दें मेडिकल साइंस में कार्डियक अरेस्ट उस अवस्था को कहा जाता है जब दिल शरीर में खून पंप करना बंद कर देता है। अजीत जोगी के गले में फंसे बीज की वजह से अचानक यह अरेस्ट आ गया।
हालांकि जिन लोगों को दिल की बीमारी होती है उनमें कार्डियक अरेस्ट की संभावनाएं ज्यादा होती है। डॉक्टरों के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट से पहले छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी, पसीना आना, चक्कर आना, बेहोशी, जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
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इससे पहले पूर्व सीएम अजीत योगी की तबीयत ठीक थी। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के हालत पर ट्वीट किया था और केंद्र सरकार से मांग की थी कि जैसे विदेशों में फंसे मजदूरों को लाने के लिए वंदे भारत चालू किया गया है वैसे ही मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए अभियान शुरू किया जाना चाहिए।