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Chattisgarh Election Result: छत्तीसगढ़ के सबक: आदिवासी ही बनाते हैं सरकार

Chattisgarh Election Result: छत्तीसगढ़ में कहावत है कि राज्य में सत्ता का प्रवेश द्वार आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र से होकर जाता है, जहां दक्षिण में 12 सीटें हैं और उत्तर में सरगुजा डिवीजन है, जहां 14 सीटें हैं। 3 दिसम्बर के पहले बस्तर या सरगुजा में भाजपा का एक भी विधायक नहीं था। लेकिन आज वहां सरगुजा में सभी 14 और बस्तर में 8 सीटें भाजपा की झोली में हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 4 Dec 2023 10:30 AM GMT
In Chhattisgarh, governments are formed from tribal dominated Bastar region only. This is a lesson for political parties
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 छत्तीसगढ़ में आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र से ही सरकारें बनती हैं राजनीतिक पार्टियों के लिए यह एक सबक है: Photo- Social Media

Chattisgarh Election Result: छत्तीसगढ़ में कहावत है कि राज्य में सत्ता का प्रवेश द्वार आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र से होकर जाता है, जहां दक्षिण में 12 सीटें हैं और उत्तर में सरगुजा डिवीजन है, जहां 14 सीटें हैं। 3 दिसम्बर के पहले बस्तर या सरगुजा में भाजपा का एक भी विधायक नहीं था। लेकिन आज वहां सरगुजा में सभी 14 और बस्तर में 8 सीटें भाजपा की झोली में हैं। कहावत भी सच साबित हुई है। जनजातीय क्षेत्र ने सत्ता के द्वार भाजपा के लिए खोल दिये हैं। वैसे, इस बार छत्तीसगढ़ के अशांत बस्तर क्षेत्र में इस बार 78 प्रतिशत मतदाताओं ने रिकार्ड मतदान किया था। तभी से लग रहा था कि दरवाजा किसके लिए खुलने वाला है।

आदिवासी बहुल राज्य

छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों के लिए, आदिवासी बहुल क्षेत्र अक्सर फोकस में रहते हैं क्योंकि वे राज्य की आबादी का लगभग 31 प्रतिशत हिस्सा हैं। राज्य में 29 आरक्षित अनुसूचित जनजाति सीटें हैं।

Photo- Social Media

लुभाने की पुरजोर कोशिश

भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी के स्टार प्रचारकों ने राजनीतिक रैलियों और अपनी यात्राओं के जरिये आरक्षित अनुसूचित जनजाति निर्वाचन क्षेत्रों में आदिवासी मतदाताओं को लुभाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। कांग्रेस ने आदिवासी इलाकों में 'भरोसे की सरकार', 'भेंट मुलाकात' और 'भरोसे की यात्रा' का आयोजन किया था। इसके अलावा, चुनावी वर्ष में आदिवासी समुदायों के लिए विभिन्न कल्याण कार्यक्रमों की घोषणा की गई। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यहां तक कि राहुल गांधी के भाजपा पर आदिवासियों के अधिकार छीनने के आरोप को भी आदिवासी समुदायों का समर्थन नहीं मिला।

भाजपा का माह-जन कार्यक्रम

भाजपा ने बस्तर और सरगुजा दोनों क्षेत्रों में अपने 'महा जन संपर्क' कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासी समुदायों तक पहुंचने का प्रयास किया। भाजपा की दो 'परिवर्तन यात्राएँ' इस साल सितंबर में आदिवासी बहुल दंतेवाड़ा (दक्षिण बस्तर) जशपुर से शुरू हुईं और "भ्रष्ट कांग्रेस शासन" को उखाड़ फेंकने के मिशन के साथ 2989 किमी की यात्रा करते हुए 87 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया।

Photo- Social Media

कल्याण कार्यक्रम

पीएम मोदी ने 15 नवंबर को विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) के उद्देश्य से एक नया विकास मिशन शुरू किया था। 24,000 करोड़ रुपये का यह मिशन हाशिए पर मौजूद जनजातियों को सुविधाएं, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण तक पहुंच प्रदान करेगा। सम्भवतः आदिवासी समुदाय को ये पसंद आया। इसके अलावा कांग्रेस के खिलाफ ये बात भी चली गई कि आदिवासी समुदाय और क्षेत्रों पर फोकस बहुत देर से हुआ जिसका कोई सकारात्मक असर नहीं हुआ।

Shashi kant gautam

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