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Chhattisgarh MP and Rajasthan CM: विद्यार्थी परिषद के प्रोडक्ट हैं तीन मुख्यमंत्री
Chhattisgarh MP and Rajasthan CM: छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के नए मुख्यमंत्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नर्सरी से पढ़कर निकले हुए हैं। संघ, भाजपा के साथ ये तीसरी समान चीज है।
Chhattisgarh MP and Rajasthan CM: छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के नए मुख्यमंत्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नर्सरी से पढ़कर निकले हुए हैं। संघ, भाजपा के साथ ये तीसरी समान चीज है।
मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव विद्यार्थी परिषद की नर्सरी से पढ़कर निकले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा में परिपक़्व हुए हैं। संघ की शाखा से निकले मोहन यादव मध्यप्रदेश के 19 वें और भारतीय जनता पार्टी और जनता पार्टी से मिलाकर, आठवें मुख्यमंत्री के रूप में जल्द ही शपथ लेंगे। मोहन यादव पिछली सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र नेता के रूप में की थीं। विद्यार्थी परिषद में उज्जैन नगर मंत्री रहते हुए उन्होंने कई छात्र आंदोलन किये। मोहन यादव के राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1982 में हुई थी। इस साल वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव बने थे। इसके दो साल बाद यानी साल 1984 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय के अध्यक्ष बने। साल 1984 में उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री का प्रभार मिला। इसके बाद वे मध्यप्रदेश, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सहमंत्री रहे और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे। तमाम पदों पर रहने के बाद मोहन यादव का नाता संघ से जुड़ा।
राजस्थान
भाजपा ने राजस्थान में सांगानेर से पहली बार विधायकी का चुनाव लड़ने वाले भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री घोषित किया है। भरतपुर के रहने वाले भजनलाल शर्मा जहां पहली बार विधायक बने हैं वहीं, वे 4 बार प्रदेश के महामंत्री भी रहे हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के काफी करीबी माने जाते हैं। वे भरतपुर में जिला मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे हैं। भजन लाल शर्मा की शैक्षिक योग्यता की बात करें तो वह पोस्टग्रेजुएट हैं। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। भजन लाल शर्मा राजनीतिक विज्ञान से एमए हैं।
छत्तीसगढ़
ओबीसी समुदाय के अरुण साव वर्तमान में छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रमुख हैं। साव ने विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले 2022 में विष्णु देव साय की जगह छत्तीसगढ़ भाजपा प्रमुख का पद संभाला था। साव ने लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सेवा की है।
विधानसभा चुनाव 2023 में साव ने लोरमी सीट से कांग्रेस नेता थानेश्वर साहू को 45,891 वोटों से हराया था। 2019 के आम चुनाव में, वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुने गए। विष्णुदेव साव कुनकुरी विधानसभा से निर्वाचित हुए हैं। वे सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। वह रमन सिंह के भी करीबी हैं। साल 1999 से 2014 तक वह रायगढ़ से सांसद रहे हैं।