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बेटी के जन्म पर नहीं लगेगा कोई भी चार्ज, छत्तीसगढ़ के इस अस्पताल ने की घोषणा
इस देश में आज भी कहीं न कहीं बेटे और बेटियों में फर्क समझा जाता है। बेटी के जन्म लेने पर घर में सन्नाटा छा जाता है वही बेटे के जन्म पर बड़ी ही धूम धाम से रिश्तेदारों को बुलाकर उत्सव मनाया जाता है।
नई दिल्ली: इस देश में आज भी कहीं न कहीं बेटे और बेटियों में फर्क समझा जाता है। बेटी के जन्म लेने पर घर में सन्नाटा छा जाता है वही बेटे के जन्म पर बड़ी ही धूम धाम से रिश्तेदारों को बुलाकर उत्सव मनाया जाता है। सच ही कहा है किसी ने.....
खिलती हुई कलियाँ हैं बेटियाँ
माँ-बाप का दर्द समझती हैं बेटियाँ
घर को रोशन करती हैं बेटियाँ
लड़के आज हैं तो आने वाला कल हैं बेटियाँ
इस बात को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ शहर के रायपुर में एक डॉक्टर ने बड़ी घोषणा की है। यह खबर अस्पताल श्री बालाजी सुपर स्पेशियालिटी की है। जहां पर लड़कियों के जन्म पर किसी भी तरह का कोई फीस नही लिया जाएंगा ।
चाहे लडक़ी का जन्म नार्मल हो या ऑपरेशन से। इस अस्पताल में परिजनों से 1रूपय का भी चार्ज शुल्क नही लिया जाएंगा। इस अभियान को सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईएएस अवनीश शरन ने भी सोशल मीडिया पर इसकी सराहना की है।
बेटी बचाओ है सरकार का अभियान
वैसे तो भारत सरकार ने बेटियों के लिए तमाम मुहिम चलाया है बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं की शुरुआत 22 जनवरी 2015 से ही कर दिया था । सुकन्या समृद्धि योजना भी संचालित की जा रही है। इसकी वजह है कि आज हमारे भारत में लड़कियों की संख्या बहुत कम हो गई है। इस मॉडर्न जमाने में भी लोग ऐसे हैं जो लडक़ों की चाह में लड़कियों को गर्भ में ही मार देते है जिसको देखते हुए रायपुर में इस निजी अस्पताल में लड़कियों के लिए यह एक अद्भुत मुहिम चलाया गया है ।
आइए जानते है किस राज्य के मरीज इस अद्भुत मुहिम का लाभ उठा पाएंगे
बताया जा रहा कि इस सुविधा का लाभ देश के किसी भी राज्य के लोग उठा सकते है। अस्पताल प्रबंधन ने एलान किया है कि उसके अस्पताल में भर्ती होने वाली प्रत्येक महिला को यह सुविधा दी जाएगी। भले ही वह किसी दूसरे राज्य की निवासी हो या किसी वर्ग-समाज का प्रतिनिधित्व करती हो। अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि वह प्रसव के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं लेंगे। इसमें अस्पताल में भर्ती रहने का शुल्क भी शमिल है। यह भी बताया जा रहा कि गर्भवती या प्रसूता महिला के परिजनों को दवाई का शुल्क देना होगा।
आइए जानते है जनगणना के हिसाब से भारत में लड़कियों की संख्या कितनी है साल 2011 में हुई जनणगना के आंकड़े में पाया गया कि भारत में 1000 लडक़ों पर 918 लड़कियां हैं इस आंकड़े को देखने के बाद यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किस तरह से हमारे देश में लड़कियों की तदाद कम होती जा रही है जो वास्तव में हैरतअंगेज है।
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रिपोर्ट- श्वेता पांडेय