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जांच एजेंसियों पर बोले CJI चंद्रचूड़, देश के दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई पर करें फोकस

CJI Chandrachud: सीजेआई ने कहा कि भारत को अपने जांच ढांचे पर दोबारा विचार करना चाहिए। ढांचागत सुधार करके सीबीआई को अपग्रेड किया जा सकता है।

Viren Singh
Published on: 2 April 2024 9:57 AM IST (Updated on: 2 April 2024 10:00 AM IST)
CJI Chandrachud
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CJI Chandrachud (सोशल मीडिया) 

CJI Chandrachud: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने देश की केंद्रीय जांच एंजेसियों पर अपनी चिंता प्रकट की है। उन्होंने कहा कि देश की जांच एजेंसियां एक ही समय कई सारे काम रही हैं, जिसमें वो उलझी हुई हैं। एजेंसियों को अपनी लड़ाई खुद चुनने की जरुरत है और ऐसे में मामले में एजेंसियां मुस्तैदी से कार्रवाई करें, जो देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र के खिलाफ आर्थिक अपराधों से संबंधित हैं और खतरा बने हुए हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि भारत को अपने जांच ढ़ाचे पर फिर विचार करने की जरूत है।

CBI मूल भूमिका के अलावा कर रही जांच

सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) दिवस पर डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर 2024 में रविवार को बोलते हुए सीजेआई ने कहा, "मुझे लगता है कि हम शायद पिछले कुछ वर्षों में अपनी जांच एजेंसियों का बहुत कम प्रसार कर रहे हैं। पर्यावरण में तेजी से बदलाव के बावजूद, प्रमुख जांच एजेंसियों को अपना ध्यान और प्रयास अपराध के उस वर्ग पर केंद्रित करना चाहिए जो वास्तव में देश की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या देश के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है। चंद्रचूड़ ने इस बात पर जोर दिया कि सीबीआई को भ्रष्टाचार विरोधी अपनी मूल भूमिका के अलावा विभिन्न प्रकार के आपराधिक मामलों की जांच करने के लिए कहा जा रहा है।

जांच के दौरान निजता के अधिकार का संतुलन बैठाना

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे साल आगे बढ़े सीबीआई ने अपने अधिकार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विस्तार देखा। इस व्यापक दायरे ने एजेंसियों को विभिन्न मामलों की जांच करने का अधिकार दिया, जिसमें आर्थिक धोखाधड़ी और बैंक घोटालों से लेकर वित्तीय अनियमितताओं और आतंकवाद से संबंधित घटनाओं तक शामिल हैं। उन्होंने तलाशी और जब्ती की जांच एजेंसियों की शक्तियों और किसी शख्स के निजता के अधिकार के बीच संतुलन बैठाने का आह्वान किया और कह कि एजेंसियों के लिए जरूरी है कि वे तलाशी और जब्ती की शक्तियों और किसी शख्स के निजता के अधिकार के बीच संतुलन बैठाए, ताकि निष्पक्ष समाज की आधारशिला बन सकें। उन्होंने कानूनी प्रक्रियाओं में देरी को न्याय मिलने में बाधा बताते हुए सीबीआई मामलों के निपटान की बहुआयामी रणनीति पर जोर दिया है। सीबीआई को मामलों में निपटान में देरी को दूर करने के लिए एक बहुआयमी रणनीति बनाने की जरूरत है, जिससे लंबित मामलों में देरी से लोग न्याय से वंचित ना रह जाए.

'जांच एजेंसियों के सामने जटिल चुनौतियां'

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि डिजिटल रूप से जुड़ी दुनिया में सीबीआई जैसी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को "नई और जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो नवीन समाधान की मांग करती है। उन्होंने कहा, "चुनौतियां तीन मुख्य कारणों से जटिल हो गई हैं। पहला-भारत में विशाल डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर व्यक्तिगत डेटा के दुरुपयोग का पता लगाना एक कठिन काम है।

दूसरा- साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई जाने वाली तकनीकें, जैसे डेटा एन्क्रिप्शन और गुमनामी, उन्नत फोरेंसिक क्षमताओं और विशेष विशेषज्ञता की आवश्यकता वाली जांच में जटिलता की परतें जोड़ती हैं और तीसरा- क्षेत्राधिकार संबंधी मुद्दों पर ध्यान देना और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और विदेशी सरकारों सहित अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग प्राप्त करना, सीबीआई सहित हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रयासों में और बाधा उत्पन्न कर सकता है।

भारत को अपने जांच ढांचे पर दोबारा विचार करना चाहिए

सीजेआई ने कहा कि भारत को अपने जांच ढांचे पर दोबारा विचार करना चाहिए। ढांचागत सुधार करके सीबीआई को अपग्रेड किया जा सकता है। एक बहु-विषयक टीमें बनाई जा सकती हैं, जिसमें कानून प्रवर्तन अधिकारी और डेटा विश्लेषकों सहित डोमेन विशेषज्ञ शामिल होंगे। इन कानूनों का उद्देश्य आपराधिक प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं को डिजिटल बनाना है। यह न्याय प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

FIR से लेकर आखिरी जांच तक हो हर चीज डिजिटल

उन्होंने कहा, "प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के प्रारंभिक पंजीकरण से लेकर फैसले के अंतिम वितरण तक आपराधिक जांच के हर चरण को प्रस्तावित कानून के दायरे में डिजिटल रूप से दर्ज किया जाना है। सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया कि यह व्यापक दृष्टिकोण सूचना का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करता है और इसका उद्देश्य जांच और न्यायिक प्रक्रियाओं में शामिल हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग की सुविधा प्रदान करना है।



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Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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