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चीन के निशाने पर भारतः हर मिनट 1852 अटैक, खतरा है बड़े साइबर हमले का

इंडियन साइबर सिक्योरिटी रिसर्च और साफ्टवेयर फर्म क्विकहील की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की वित्तीय राजधानी कही जाने वाली मुंबई साइबर हैकरों के निशाने में पहले स्थान पर है। उसके बाद क्रमशः दिल्ली, बेंगलुरू और कोलकाता का स्थान है।

Shivani Awasthi
Published on: 2 March 2021 12:44 PM IST
चीन के निशाने पर भारतः हर मिनट 1852 अटैक, खतरा है बड़े साइबर हमले का
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रामकृष्ण वाजपेयी

आज के अखबारों में सुर्खियों में है कि पिछल साल पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच चीन ने भारत में अंधेरा करने की साजिश रची थी। देश के ऊर्जा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि चीन के रेड इको ग्रुप में ने यह कोशिश की थी लेकिन बचने के सारे उपाय समय से कर लेने से वह अपने मंसूबों में सफल नहीं हुए और कोई डाटा चोरी नहीं हुआ। इसके अलावा दूसरी बड़ी खबर यह आई है कि भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों पर चीन के हैकर्स ने भारत बायोटैक और सीरम इंस्टीट्यूट पर हमले की कोशिश की हालांकि चीन के विदेश मंत्रालय ने ऐसी खबरों का खंडन करते हुए इन अटकलों को गैर जिम्मेदाराना बताया है।

भारत की कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों पर चीन हैकर्स का अटैक

यानी चीन के दावों के विपरीत देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान उसके निशाने पर हैं। जिन से सतर्क रहने की जरूरत है। बीते कुछ सालों में भारत में साइबर हमले लगातार बढ़े हैं। 2019 में आय़ी एक रिपोर्ट के अनुसार बीती तिमाही के दौरान ऐसी घटनाएं 22 प्रतिशत बढ़ी हैं। जिस ब्लॉकचेन और इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी) को बेहद सुरक्षित माना जाता था, वही साइबर अपराधियों के सबसे बड़े हथियार के तौर पर उभरी है।

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इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर मिनट 1852 साइबर हमले हुए। इससे प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली व पश्चिम बंगाल शीर्ष पर रहे।

साइबर सिक्योरिटी रिसर्च और साफ्टवेयर फर्म क्विकहील की रिपोर्ट से खुलासा

इंडियन साइबर सिक्योरिटी रिसर्च और साफ्टवेयर फर्म क्विकहील की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की वित्तीय राजधानी कही जाने वाली मुंबई साइबर हैकरों के निशाने में पहले स्थान पर है। उसके बाद क्रमशः दिल्ली, बेंगलुरू और कोलकाता का स्थान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में साइबर अटैक के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 में पूरी दुनिया में हुए लगभग 20 लाख साइबर हमलों में 3,222 अरब रुपये का नुकसान हुआ। साइबर अपराधी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सबसे ज्यादा निशाना बनाते हैं।

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भारत में कोई भी ऐसा दिन नहीं गुजरता जब किसी न किसी तरीके से सैकड़ों लोगों के खातों से साइबर हमले के जरिए लाखों की रकम नहीं निकाली जाती हो। ऐसे ज्यादातर मामलों में डूबी हुई रकम वापस नहीं मिल पाती है।

इन 3 तरीकों से साइबर हमले

एक रिपोर्ट के मुताबिक हैकर आम तौर पर साइबर हमलों के लिए तीन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा हमले ट्रोजन वायरस के जरिए किए जाते हैं। इसके अलावा स्टैंड एलोन और इन्फेक्टर्स यानी रिमोट सर्वर के जरिए किसी कंप्यूटर सिस्टम में वायरस डाल कर उसके आंकड़े चुरा लिए जाते हैं।

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साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि हैकर अब रैंसमवेयर का भी सहारा ले रहे हैं। इसके जरिए हर 14 मिनट में एक कंप्यूटर को निशाना बनाया जाता है। वित्तीय कंपनियों पर लगभग 60 फीसदी हमले इसी के जरिए हो रहे हैं। वर्ष 2018 में इसके जरिए हुए हमलों से पूरी दुनिया में छह अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।

भारत में जापान के बाद सबसे अधिक साइबर हमले

आईबीएम सिक्योरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत 2020 में एशिया पैसिफिक में जापान के बाद दूसरा ऐसा देश रहा है, जहां उसे सबसे अधिक साइबर हमलों का सामना करना पड़ा है। वर्ष 2020 में क्षेत्र में हुए कुल साइबर हमलों में से भारत में सात प्रतिशत हमले दर्ज किए गए।

2021 एक्स-फोर्स थ्रेट इंटेलिजेंस इंडेक्स के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा हमले वित्त एवं बीमा क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं, जबकि इसके बाद विनिर्माण और पेशेवर सेवाओं में साइबर हमलों की सबसे अधिक घटनाएं सामने आई हैं।

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साइबर हमलों के प्रकार की बात करें तो इसमें रैनसमवेयर शीर्ष पर रहा, जिससे लगभग 40 प्रतिशत हमले हुए। इसके अलावा, डिजिटल करंसी माइनिंग और सर्वर एक्सेस हमलों ने पिछले साल भारतीय कंपनियों को प्रभावित किया।

2021 तक रैंसमवेयर अटैक से 20 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है

इंटरनेट सोसाइटी ऑनलाइन ट्रस्ट अलाइंस की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2021 तक रैंसमवेयर अटैक से 20 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। देश के विभिन्न शहरों में होने वाले 33 हजार से ज्यादा साइबर हमलों में पांच सौ में तो बेहद आधुनिकतम तकनीक का सहारा लिया गया था। इसलिए यह सावधान होने का समय है लगता है अगला विश्व युद्ध साइबर अटैक के रूप में ही लड़ा जाएगा जिसका एक नमूना जैविक हमले के रूप में चीन से आए कोरोना वायरस के रूप में दिखा। जिसने पूरी दुनिया को तहस नहस कर दिया।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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