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चीन ने पाक से क्यों कहा कश्मीर हमारे लिए बड़ा मुद्दा नहीं? यहां जानें
प्रवक्ता हुआ के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बातचीत के लिए कश्मीर बड़ा मुद्दा नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि बातचीत का असली मुद्दा कश्मीर होगा। बेहतर होगा कि दोनों नेताओं को बातचीत के लिए छोड़ दिया जाए।
नई दिल्ली: कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को उसके सबसे भरोसेमंद दोस्त चीन का भी साथ मिलता नहीं दिख रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भारत के दौरे के दौरान भारत और चीन के बीच कश्मीर मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी।
कश्मीर बड़ा मुद्दा नहीं
प्रवक्ता हुआ के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बातचीत के लिए कश्मीर बड़ा मुद्दा नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि बातचीत का असली मुद्दा कश्मीर होगा। बेहतर होगा कि दोनों नेताओं को बातचीत के लिए छोड़ दिया जाए।
''बता दें कि पिछले दिनों चीन ने पाकिस्तान के साथ मिल कर कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में उठाया था। लेकिन दोनों देशों की बात यहां भी नहीं सुनी गई थी।
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क्या होगा बातचीत का मुद्दा
कहा जा रहा है कि दूसरे अनौपचारिक सम्मेलन में मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग उसी लाइन पर बातचीत करेंगे जिस पर पिछले साल वुहान में बातचीत हुई थी। वुहान में दोनों देशों ने डोकलाम मुद्दे पर बातचीत की थी। बता दें कि यहां साल 2017 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 73 दिन तक गतिरोध चला था।
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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अक्टूबर में आयेंगे भारत
आपको बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में भारत के दौरे पर आने वाले हैं। इस दौरे पर उनकी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन्फॉर्मल मुलाकात होगी।
ये मुलाकात ठीक उस तरह की होगी जिस तरह पिछले साल वुहान में एक समिट हुआ था। चीनी राष्ट्रपति का ये दौरा 11 और 12 अक्टूबर को हो सकता है। हालांकि, तारीखों का आधिकारिक ऐलान अभी बाकी है। जम्मू-कश्मीर के मसले पर चीन से आस लगाए बैठे पाकिस्तान के लिए ये एक और झटका माना जा रहा है।
अप्रैल 2018 में पीएम मोदी ने किया था चीन का दौरा
गौरतलब है कि 2018 के अप्रैल महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के वुहान दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। ये मुलाकात बिना किसी एजेंडे के हुई थी जिसमें कई मसलों पर चर्चा हुई थी।
इस बैठक को लेकर कहा गया था कि इसमें कोई एक बंधा एजेंडा नहीं था, हर मुद्दे पर कुछ न कुछ चर्चा की गई। तब इस बात का भी जिक्र किया गया था कि इस तरह की समिट आने वाले समय में होती रहेंगी।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अक्सर पाकिस्तान की तरफदारी करता दिखने वाला चीन इस बार उसकी नहीं सुन रहा है। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य का बंटवारा करने का विरोध कर रहा है।
इसी को लेकर उसने चीन से गुहार भी लगाई थी, पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन भी गए थे। लेकिन चीन ने इस मसले को भारत का आंतरिक मामला बताया।
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