TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

चिन्मयानंद केस: दोनोें केसों की सच्चाई आई सामने, मिल गए सारे सबूत

चिन्मयानंद केस की 2 माह में चार्जशीट पूरी तैयार की गई है। दो मुकदमे जिसमें से एक रंगदारी मांगने का तो दूसरा अपहरण और धमकी देने का। इन दोनों मुकदमों के दर्ज होने में दो दिन का अंतर रहा।

Vidushi Mishra
Published on: 6 Nov 2019 8:56 AM IST
चिन्मयानंद केस: दोनोें केसों की सच्चाई आई सामने, मिल गए सारे सबूत
X

नई दिल्ली : चिन्मयानंद केस की 2 माह में चार्जशीट पूरी तैयार की गई है। दो मुकदमे जिसमें से एक रंगदारी मांगने का तो दूसरा अपहरण और धमकी देने का। इन दोनों मुकदमों के दर्ज होने में दो दिन का अंतर रहा। अब रंगदारी किसने मांगी इसका पता नहीं था। पर अपहरण और धमकी चिन्मयानंद ने दी थी, येे आरोप सबको मालुम हो चुका था।

नया खुलासा-

सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, चिन्मयानंद मामले में अब जॉंच की सुई यूपी सरकार के एक मंत्री की तरफ़ घूम गई है। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष के भाई का नाम भी चार्जशीट में जोड़ा जाएगा। कहा जा रहा है कि बीजेपी के नेताओं ने ही आग लगाई थी। पार्टी के कई बड़े चेहरे शक के दायरे में हैं।

यह भी देखें... लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती आज पार्टी के नेताओं के साथ करेंगी बैठक

दो मुख्य किरदार चिन्मयानंद और छात्रा

केस में स्थानीय पुलिस अपने हिसाब से काम कर रही थी। पर जब एसआईटी ने 6 सितंबर से विवेचना शुरू की तो केस में एक के बाद एक खुलासे होते गए। बता दें कि इस केस के दो मुख्य किरदार चिन्मयानंद और छात्रा थे।

परेशान होने की बात करें तो दोनों ही अपनी जगह पर पीड़ित भी हैं और आरोपी भी हैं। पहले तो दो अलग अलग मुकदमे दर्ज हुए, अलग विवेचना हुई, लेकिन धीरे-धीरे सभी को यह लगने लगा कि पूरा केस एक ही है। बस सिक्के दो पहलू हैं। कोई भी एक दूसरे से कम नहीं है।

इस केस में विद्या के मंदिर से लेकर जेल की सलाखों की इस पूरी जीवंत कहानी को सिरे से सिरा मिलाकर एसआईटी ने तैयार किया। यह कोई गढ़ी गई कहानी नहीं है, इस कहानी में सबूत, गवाह, परिस्थितिजन्य साक्ष्य सबकुछ सत्यापित किए गए हैं। दो मुकदमों की चार्जशीट को 47 सौ पन्नों में लिखा गया है।

एसआईटी की एक बड़ी टीम को पूरी विवेचना के लिए को 15 सौ घंटे यानी 60 दिन का वक्त लगा। एक के बाद एक सिलसिलेवार 105 लोगों को बुलाया गया, सबके बयान लिये गए, सामने कैमरा था, उसमें सब रिकार्ड किया जाता रहा।

यह भी देखें... अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा में नंगे पांव चले श्रद्धालु, ड्रोन कैमरे से हो रही निगरानी

चिन्मयानंद केस की पूरी सच्चाई सबके सामने लाने के लिए दिन रात एक कर एसआईटी ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया। इस दौरान एसआईटी को भी राजनीतिक दलों, आरोपियों की आलोचना झेलनी पड़ी, पर एसआईटी अपनी गति से काम करती रही, लोगों के मुंह उस वक्त सिल गए, जब कोर्ट ने एसआईटी की पहली और दूसरी प्रोगेस रिपोर्ट पर संतुष्टि जाहिर की।

सबूतों को हर कसौटी पर

एसआईटी ने बेहद वैज्ञानिक तरीके से विवेचना की। सबूतों को हर कसौटी पर कसा, ताकि कोर्ट में कोई पेंच ढीला न रह जाए। इसीलिए प्राप्त आडियो और वीडियो की फोरेंसिक लैब से जांच कराई, ताकि आरोपी पक्ष को यह कहने का मौका न मिले कि एसआईटी ने यह गड़बड़ की।

ये बात अलग है कि अब बुधवार का चार्जशीट दाखिल की जाएगी, कानून के जानकार उनमें कोई न कोई कमी पकड़ लें, लेकिन सीबीआई की तर्ज पर एसआईटी ने विवेचना करने का दावा किया है। इलेक्ट्रानिक और डिजीटल साक्ष्य इतने मजबूत बताए जा रहे हैं कि आरोपी और पीड़ित समझौता कर भी लें तो कोर्ट की सजा से वह बच नहीं पाएंगे।

फोन की लोकेशन ने सभी आरोपियों को कानून के शिकंजे में कायदे से कस दिया। यह सीडीआर बेहद महत्वपूर्ण थी, जिससे एसआईटी ने सभी आरोपियों की मैपिंग की, उनकी एक जगह पर मौजूदगी पुख्ता की।

यह भी देखें... सोनभद्र: जमीन विवाद में अभी और भी कई बड़ी कुर्सियां आ सकती हैं घेरे में

ऑन लाइन होटल बुकिंग, एटीएम कार्ड से रुपये निकालना, ऑन लाइन पेमेंट करना भी आरोपियों के खिलाफ सबूत बन गए। एफएसएल ने सबूतों को पुख्ता होने पर मुहर लगा दी। सीसीटीवी फुटेज एफएसएल ने सत्यापित किए।

केस में महत्वपूर्ण सबूत

केस को लेकर एसआईटी के सामने सबसे महत्वपूर्ण सबूत उस मैसेज और स्क्रीनशॉट को रिकवर करना था, जो संजय द्वारा चिन्मयानंद को भेजा गया था, चिन्मयानंद ने उसे डिलीट कर दिया था। गांधी नगर एफएसएल से वह डाटा रिकवर कर एसआईटी ने 67-ए आईटी एक्ट की धारा को पुख्ता कर लिया।

छात्रा ने जिस कैमरे वाले चश्मे से चिन्मयानंद के वीडियो बनाए, उसे एसआईटी बरामद नहीं कर सकी। एसआईटी ने बताया कि जब दस अगस्त को छात्रा हास्टल से अपना सब सामान ले गई, तभी वह चश्मा भी ले गई। चश्मे को छात्रा और संजय ने ही गायब किया है, महत्वपूर्ण सबूत चश्मे को हास्टल में कोई नहीं छोड़ सकता।

झूठा छात्रा का बयान

आईजी नवीन अरोरा ने कहा कि छात्रा के कमरे जब चश्मा नहीं मिला तो उसने यह आरोप लगाया कि उसका कमरा खोल कर सबूत गायब कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जिस दिन से हास्टल अलाट होता है, उस दिन से कमरे में ताला संबंधित अलाटी का ही पड़ता है।

यह भी देखें... शर्मनाक: कोल और दलित समुदाय शिक्षा से कोसो दूर, कैसे बनेगा भारत विश्वगुरु!

हालांकि कमरे में ताला तो छात्रा का ही पड़ा था, इसलिए उसे कोई दूसरा कैसे खोल सकता है। छात्रा का बयान पूरी से गलत से है, उसका कमरा खोला गया। फिर पूरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण सबूत कोई कैसे छोड़ कर जा सकता है, यह बात हजम होने लायक नहीं है।

जो वीडियो मालिश करते हुए

आईजी नवीन अरोरा ने बताया कि भले ही चश्मा नहीं मिल सका, लेकिन जो वीडियो मालिश करते हुए के हैं, उसमें जो कुछ दिख रहा है, उसकी मैचिंग कराई गई है। दिव्यधाम के कमरे से बर्तन, तौलिया और पर्दे से भौतिक सत्यापन होता है कि वीडियो वहीं बनाया गया है।

इन दोनों में कुल पांच आरोपी हैं, जिन्हें जेल भेजा जा चुका है। दो और आरोपी डीपीएस व अजीत हैं, जिनके नाम उजागर हुए। पर ऐसा नहीं है कि यही सात आरोपी हैं। एसआईटी की चार्जशीट में और भी लोग कहीं न कहीं फंसे हुए हो सकते हैं। यह अलग बात है कि वह बहुत बड़े आरोपी न हों, लेकिन जिन लोगों को चैन की नींद आने वाली है, उन लोगों को चार्जशीट बेचैन कर सकती है।

यह भी देखें... अवमानना मामले में लिखित माफी मांगने पर डीएम अमेठी को मिली राहत

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story