×

क्रिसमस प्रेम का बड़ा दिन: ईसाई धर्म से है ताल्लुक, हर समुदाय करता है सेलिब्रेट

ईसाई धर्म के प्रचार के पूर्व रोमन जाति द्वारा यह दिन त्योहार के रूप में मनाया जाता था। इस दिन को सूर्यदेवता का जन्मोत्सव माना जाता था। क्रिसमस का त्योहार न सिर्फ हमारे जीवन में उत्साह लेकर आता है बल्कि हमें बहुत कुछ सिखाता भी है।

Newstrack
Published on: 24 Dec 2020 6:52 PM IST
क्रिसमस प्रेम का बड़ा दिन: ईसाई धर्म से है ताल्लुक, हर समुदाय करता है सेलिब्रेट
X

नील मणि लाल

क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जिसका ताल्लुक ईसाई धर्म से है लेकिन पूरी दुनिया में इसे हर समुदाय के लोग मनाते हैं। क्रिसमस प्रेम, श्रद्धा, संता क्लॉज, तोहफों, केक और शुभकामनाओं का पर्व है। क्रिसमस शब्द ‘क्राइस्ट मास’ शब्द से बना है। क्राइस्ट मास यानी यीशु की प्रार्थना। माना जाता है कि पहला क्रिसमस 336 ईस्वी में रोम में मनाया गया था। 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिवस मनाया जाता है।

ईसाई धर्म के प्रचार के पूर्व रोमन जाति द्वारा यह दिन त्योहार के रूप में मनाया जाता था। इस दिन को सूर्यदेवता का जन्मोत्सव माना जाता था। क्रिसमस का त्योहार न सिर्फ हमारे जीवन में उत्साह लेकर आता है बल्कि हमें बहुत कुछ सिखाता भी है। क्रिसमस से जुड़ी कई सामान्य परंपराएं हैं जैसे तोहफे देना, प्रार्थना करना आदि। इन परंपराओं के अर्थ बहुत गुढ़ हैं। यह हमें दया, सकारात्मकता जैसे भावों की महत्ता के बारे में बताती हैं। इसलिए ध्यान रखें कि इस बार जब क्रिसमस मनाएं तो यूं ही रिवाजों को निभाकर मुक्त न हो जाएं बल्कि उनसे जुड़े इन पवित्र भावों को भी आत्मसात करें।

Christmas 2020-2

यीशु के जन्म की कहानी

मान्यता है कि एक बढ़ई यूसुफ तथा उसकी मंगेतर मरीयम (मेरी) नजरेन में रहते थे। एक रात मरीयम को स्वप्न में भविष्यवाणी हुई कि उसे देवशिशु के जन्म के लिए चुना गया है। इसी बीच रोमन सम्राट ने नए टैक्स लगाने के लिए लोगों के पंजीकरण की घोषणा की, जिसके लिए यूसुफ और मेरी को अपने गांव बेथलहम जाना पड़ा। उस दौरान मेरी गर्भवती थी।

ये भी देखें: कोरोना में क्रिसमस की धूम: ऐसे सजाएं Christmas Tree, बनेगा 2020 यादगार

कई दिनों की यात्रा के बाद वे लोग बेथलहम पहुंचे तब तक रात हो चुकी थी। उन्हें सराय में रुकने के लिए कोई जगह नहीं मिली। जब यूसुफ ने सराय के मालिक को बताया कि मेरी गर्भवती है और उसका प्रसव समय निकट है तो उसने पास के पहाड़ों की उन गुफाओं के बारे में बताया जिनमें गड़रिये रहते थे। यूसुफ और मेरी वहां पहुँचे। यूसुफ ने वहां सफाई की और नर्म, सूखी, साफ घास का गद्दा बनाया। अगली सुबह मेरी ने वहीं शिशु को जन्म दिया। यही शिशु यीशु था।

Christmas 2020-3

कौन हैं सांता क्लॉज?

जिन्हें हम सांता क्लॉज के नाम से जानते हैं वो वास्तव में सेंट निकोलस हैं जिनका जन्म यीशु की मृत्यु के लगभग 280 साल बाद मायरा में हुआ था। उन्होंने अपना पूरा जीवन यीशु को समर्पित कर दिया था। वे दिनभर उनकी सेवा करते थे। स्वभाव से दयालु होने के कारण वे लोगों की हमेशा मदद किया करते थे। प्रतिवर्ष यीशु के जन्मदिन के मौके पर रात के अंधेरे में वे बच्चों को उपहार दिया करते थे। वही परम्परा आज तक चली आ रही है। घर के बड़े इन्हीं सेंट निकोलस का रूप धरकर बच्चों को उपहार बांटते हैं।

ये भी देखें: क्रिसमस का खुमार: जगमगा उठे चर्च, लखनऊ में हुई जमकर खरीदारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story