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सीआईएसएफ को उत्तराखंड के इसरो इकाई की सुरक्षा की जिम्मेदारी

Rishi
Published on: 6 Jan 2018 3:19 PM IST
सीआईएसएफ को उत्तराखंड के इसरो इकाई की सुरक्षा की जिम्मेदारी
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नई दिल्ली : सीआईएसएफ ने इसरो की देहरादून स्थित एक शाखा भारतीय रिमोट सेंसिंग संस्थान (आईआईआरएस) की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली है। एक अधिकारी ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी। सहायक कमांडेंट के नेतृत्व में सीआईएसएफ के 63 कर्मियों वाले एक मजबूत दल ने संस्थान की सुरक्षा की जिम्मेदारी शुक्रवार को संभाल ली।

सीआईएसएफ के सहायक निरीक्षक जनरल हेमेंद्र सिंह ने बताया कि इसके साथ ही सीआईएसएफ ने कुल 340 इकाईयों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली है।

आईआईआरएस एक प्रमुख प्रशिक्षण और शैक्षिक संस्थान है जहां प्रशिक्षित पेशेवरों को दूरस्थ संसाधन, भू-सूचना विज्ञान, प्राकृतिक संसाधनों, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकसित किया जाता है।

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उन्होंने कहा, "संस्थान, केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम, 2006 की अनुसूची 4 (बी) में उत्कृष्टता, अनुसंधान संस्थानों, राष्ट्रीय और सामरिक महत्व के संस्थानों में से एक के रूप में सूचीबद्ध है।"

सिंह ने कहा, "पूरे देश में स्थित अंतरिक्ष प्रतिष्ठानों के विभागों के प्रति बढ़ी हुई खतरे की धारणा के मद्देनजर यह कदमउठाया गया है। आईआईआरएस स्वाभाविक रूप से राष्ट्रवादियों से खतरे के प्रति कमजोर है और उनका संभावित लक्ष्य हो सकता है इसलिए सरकार ने संस्थान की रक्षा करने का अवसर सीआईएसएफ को सौंपा है।"

अधिकारी ने कहा कि आईआईआरएस परिसर में एशिया और प्रशांत क्षेत्र का अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा केंद्र का मुख्यालय भी है, जो संयुक्त राष्ट्र के साथ संबद्धित है, जो 1995 में स्थापित इस क्षेत्र में अपनी तरह का पहला है।

उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े गैर-सरकारी वैज्ञानिक समाज भारतीय सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईएसआरएस) का मुख्यालय संस्थान परिसर में भी स्थित है।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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