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'CAA से न हों चिंतित, आपके हक भी हिन्‍दुओं के बराबर...', गृह मंत्रालय का मुस्लिम समाज को आश्‍वासन

CAA News: गृह मंत्रालय ने देश के मुसलमानों को आश्‍वासन दिया है कि उन्‍हें कागज दिखाने की जरूरत नहीं है। मंत्रालय ने मुस्लिम समाज को आश्‍वासन दिया।

aman
Written By aman
Published on: 12 March 2024 9:46 PM IST (Updated on: 12 March 2024 10:10 PM IST)
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Social Media) 

Citizenship Amendment Act: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को देश में लागू कर दिया। CAA को लेकर मुस्लिम समाज में फैली अनिश्चितताओं के संबंध में मंगलवार (12 मार्च) को गृह मंत्रलाय की ओर से एक बयान जारी किया गया। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि, सीएए से किसी भारतीय की नागरिकता नहीं जाने वाली है।

मंत्रालय ने ये भी कहा कि, भारतीय मुसलमानों को CAA से डरने या चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि, नागरिकता संशोधन अधिनियम उनकी नागरिकता को प्रभावित नहीं करेगा। वो (मुस्लिम) भी हिंदू समाज की तरह ही बराबरी के अधिकारों के हकदार हैं।

गृह मंत्रालय- नहीं पेश करने होंगे कोई दस्तावेज

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CAA के संबंध में मुसलमानों और छात्रों के एक वर्ग के डर को दूर करने का प्रयास किया है। साथ ही ये स्पष्ट किया है कि 'इस अधिनियम के बाद किसी भी भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा।'

'18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं'

गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया। जिसमें कहा गया कि, 'भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि, CAA ने उनकी नागरिकता को प्रभावित करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। इसका वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है, जिनके पास अपने हिंदू समकक्षों के समान अधिकार हैं।'

इस्‍लाम एक शांतिपूर्ण धर्म, नफरत का प्रचार नहीं करता

गृह मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा, 'पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इन तीन मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के कारण दुनिया भर में इस्लाम का नाम बुरी तरह से खराब हो गया है। हालांकि, इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है, जो कभी भी धार्मिक आधार पर कोई उत्पीड़न, नफरत या हिंसा का प्रचार या सुझाव नहीं देता है।' आगे ये भी कहा गया है कि, यह अधिनियम 'उत्पीड़न' के नाम पर इस्लाम को कलंकित होने से बचाता है। कानून की जरूरत बताते हुए गृह मंत्रालय ने कहा, भारत का अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ प्रवासियों को इन देशों में वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं है।

गृह मंत्रालय- मुस्लिम समाज की चिंता अनुचित

गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, 'यह नागरिकता अधिनियम अवैध अप्रवासियों (Illegal Immigrants) के निर्वासन से संबंधित नहीं है। इसलिए मुस्लिम और स्टूडेंट्स सहित लोगों के एक वर्ग की चिंता कि CAA मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है, वो अनुचित है। मंत्रालय ने कहा कि, नागरिकता अधिनियम की धारा- 6 के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमानों को भारतीय नागरिकता (Indian citizenship) लेने पर कोई रोक नहीं है, जो प्राकृतिक रूप से नागरिकता से संबंधित है।'

कौन कर सकता है आवेदन?

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये भी स्पष्ट किया कि, 'भारतीय नागरिक पाने के इच्छुक किसी भी विदेशी मुस्लिम प्रवासी (Foreign Muslim Immigrants) सहित कोई भी व्यक्ति मौजूदा कानूनों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकता है। यह अधिनियम उन तीन इस्लामिक देशों में इस्लाम के अपने संस्करण का पालन करने की वजह से सताए गए किसी भी मुस्लिम को मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से नहीं रोकता है।'



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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