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CJI और सरकार में ठनी, कानून मंत्री बोले- SC इमरजेंसी का वक्त याद करे
जजों की नियुक्ति और केंद्र सरकार में खींचतान अभी तक बरकरार है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने शनिवार को कहा कि देशभर के हाईकोर्ट में जजों की करीब 500 पोस्ट खाली हैं। जिसके बाद क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इमरजेंसी का वक्त याद करना चाहिए तब हाईकोर्ट ने ही हिम्मत दिखाई थी और सुप्रीम कोर्ट ने देश को मायूस किया था। बता दें कि जस्टिस ठाकुर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) के अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
नई दिल्ली: जजों की नियुक्ति और केंद्र सरकार में खींचतान अभी तक बरकरार है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने शनिवार को कहा कि देशभर के हाईकोर्ट में जजों की करीब 500 पोस्ट खाली हैं। जिसके बाद क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इमरजेंसी का वक्त याद करना चाहिए तब हाईकोर्ट ने ही हिम्मत दिखाई थी और सुप्रीम कोर्ट ने देश को मायूस किया था। बता दें कि जस्टिस ठाकुर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) के अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
जस्टिस ठाकुर ने क्या कहा ?
-जस्टिस टी एस ठाकुर ने कहा कि न्यायाधिकरणों में भी ‘मानवशक्ति का अभाव’ है और वे भी बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना कर रहे हैं।
-जिसकी वजह सें मामले पांच से सात साल तक पेंडिंग हैं।
-जस्टिस ठाकुर ने कहा कि हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के 500 पद खाली हैं।
-ये पद कार्यशील होने चाहिए थे. लेकिन ऐसा नहीं है।
-इस समय देश के कई कोर्ट रूम खाली हैं और इनके लिए जज उपलब्ध नहीं हैं।
-आज ऐसा समय आ गया है कि जब कोई भी सुप्रीम कोर्ट का रिटायर्ड जज ट्रिब्यूनल की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता है।
-उम्मीद है कि सरकार इस संकट को खत्म करने लिए इसमें हस्तक्षेप करेगी।
-बता दें कि इससे पहले भी जस्टिस ठाकुर कोर्ट में जजों की कमी का मुद्दा उठा चुके हैं।
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कानून मंत्री ने क्या कहा ?
-कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कोर्ट निर्देश दे सकते हैं लेकिन देश चलाने का जिम्मा उन्हीं को मिलना चाहिए जिन्हें इसके लिए चुना गया है।
-उन्होंने कहा कि परेशानियां दूर की जा सकती हैं, अगर हर किसी को अपना काम सही तरीके से मालूम हो।
-क़ानून मंत्री ने कहा कि दुनियाभर में भारतीय संविधान के प्रति सम्मान है। हमारा संविधान गरीब, अमीर में फर्क नहीं करता।
-रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस साल हमने 120 नियुक्तियां की हैं जो 2013 में 121 नियुक्तियों के बाद सबसे अधिक है।
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ज्युडिशियरी की 'लक्ष्मण रेखा'
-अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि ज्युडिशियरी समेत हर किसी को लक्ष्मण रेखा में रहना चाहिए।
-जस्टिस जे एस. खेहर ने कहा कि संविधान के दायरे में रहकर ज्युडिशियरी ने हमेशा लक्ष्मण रेखा का पालन किया है।