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DY Chandrachud: ‘भारत बदलाव के लिए तैयार....’, मोदी सरकार के तीन नए कानून से खुश CJI
CJI DY Chandrachud: सीजेआई ने दावा किया कि हमारे समय के अनुरूप नए कानून तभी सफल होंगे जब उन्हें लागू करने के प्रभारी लोग उनके अनुकूल होंगे। पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और अपराधों की जांच और अभियोजन को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए बदलावों की बहुत आवश्यकता थी।
CJI DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ कुछ महीने पहले देश में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून के अधिनियमन की सराहना करते हुए इसे "वाटरशेड मोमेंट" करार दिया। उन्होंने कहा कि ये नये कानून बदलते भारत का 'स्पष्ट संकेतक हैं।
चुनौतियों से निपटने के लिए नए कानून की थी जरूरत
भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ शनिवार को आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ' विषय पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित किया। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि ''मुझे लगता है कि संसद द्वारा तीन नए आपराधिक कानूनों का अधिनियमन एक स्पष्ट संकेतक है कि भारत बदल रहा है। भारत आगे बढ़ रहा है, और हमें अपने समाज के भविष्य के लिए मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए नए कानूनी उपकरणों की आवश्यकता है। ये कानून हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण का संकेत देते हैं क्योंकि आपराधिक कानून की तरह कोई भी कानून हमारे समाज के दिन-प्रतिदिन के आचरण को प्रभावित नहीं करता है। भारत तीन नए आपराधिक कानूनों के आगामी कार्यान्वयन के साथ अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है।
सीजेआई ने बताया कानून सफल होने का फॉर्मूला
सीजेआई ने दावा किया कि हमारे समय के अनुरूप नए कानून तभी सफल होंगे जब उन्हें लागू करने के प्रभारी लोग उनके अनुकूल होंगे। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और अपराधों की जांच और अभियोजन को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए बदलावों की बहुत आवश्यकता थी। इसका स्वाभाविक रूप से मतलब है कि हमें अपने फोरेंसिक विशेषज्ञों की क्षमता निर्माण में भारी निवेश करना चाहिए, जांच अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजित करना चाहिए और अपनी अदालत प्रणाली में निवेश करना चाहिए। नए आपराधिक कानून के प्रमुख प्रावधान केवल तभी सकारात्मक प्रभाव पैदा करेंगे यदि ये निवेश जल्द से जल्द किए जाएं।
पुराने कानून में थीं कई खामियां
सीजेआई ने कहा कि पुराने कानूनों (IPC, CRPC, Evidence Act) की सबसे बड़ी खामी ये थी कि वे बहुत पुराने थे। ये कानून 1860 और 1873 से चले आ रहे थे. नए कानून संसद से पारित होना इस बात का साफ संदेश है कि भारत बदल रहा है और हमें मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए नए तरीके चाहिए, जो नए कानूनों से हमें मिलने जा रहे हैं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता पर सीजेआई ने कहा कि ट्रायल 3 साल में पूरा होना चाहिए और फैसला सुरक्षित रखे जाने के 45 दिनों के भीतर सुनाया जाना चाहिए।
25 दिंसबर से देश में लागू तीनों कानून
इस कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद रहे। बता दें कि तीनों नए कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई, 2024 से लागू हो गए हैं। ये तीनों कानूनों पिछले साल 21 दिसंबर को संसद से पास हुए थे। बीते 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन कानूनों को अपनी मंजूरी दे दी थी।