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#Ayodhya: SC में सुनवाई के दौरान वकीलों का आचरण शर्मनाक -चीफ जस्टिस

सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनावाई के दौरान कुछ वरिष्ठ वकीलों के व्यवहार पर गुरुवार को खेद जता

Anoop Ojha
Published on: 7 Dec 2017 2:43 PM GMT
#Ayodhya: SC में सुनवाई के दौरान वकीलों का आचरण शर्मनाक -चीफ जस्टिस
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नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनावाई के दौरान कुछ वरिष्ठ वकीलों के व्यवहार पर गुरुवार को खेद जताया और उनके आचरण को 'शर्मनाक' बताया। शीर्ष अदालत की ओर से अयोध्या प्रकरण में अधिवक्ता सी.एस. वैद्यनाथन को दलील शुरू करने को कहे जाने पर मंगलवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन और दुष्यंत दवे ने छोड़कर चले जाने की चेतावनी दी।

संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "कल (बुधवार को) जो कुछ भी हुआ, वह शर्मनाक है। परसों (मंगलवार को) जो कुछ हुआ था, वह बहुत ज्यादा शर्मनाक है।"उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से वकीलों के छोटे समूह का मानना है कि वे अपनी आवाज उठा सकते हैं। हम साफ-साफ बता रहे हैं कि आवाज उठाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आवाज उठाना आपकी (वकीलों की) उपयुक्तता व अक्षमता का परिचायक है।"

वकीलों के समूह को उनकी परंपरा की याद दिलाते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह वकालत की परंपरा नहीं है। अगर वकीलों का संघ खुद का नियमन नहीं करता है, तो हम उस पर खुद के नियमन के लिए दबाव डालेंगे।

गौरतलब है कि सिब्बल, धवन और दवे ने राम जन्मभूमि मामले में सुनवाई 2019 के आम चुनाव तक स्थगित करने की मांग की थी। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने भगवान रामलला की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस. वैद्यनाथन को दलील पेश करने की कार्यवाही शुरू करने को कहा था। बाद में मामले में सुनवाई के लिए आठ फरवरी की तारीख मुकर्रर की गई।

इससे पहले अधिवक्ता राजीव धवन ने शीर्ष अदालत से कहा था कि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच दिल्ली की प्रशासनिक शक्तियों को लेकर कशमकश के मामले में किसी फैसलों विचार नहीं करते, जिसका वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने विरोध किया था।

प्रधान न्यायाधीश ने इंदिरा जयसिंह की सराहना की थी, जिन्होंने धवन से कहा था कि वह किसी फैसले को लेकर अक्खड़ रुख अख्तियार नहीं कर सकते।

मामले में सुनवाई शुरू करने पर प्रधान न्यायाधीश की यह टिप्पणी गुरुवार को तब आई, जब वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम ने विधिक बंधुता की चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वे भी वकालत की परंपरा का पालन करने और अदालत की गरिमा को कायम रखने में 'रूढ़िवादी' हैं।

--आईएएनएस

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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