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Rajasthan Election 2023: सीएम अशोक गहलोत ने भरा सरदारपुरा से नामांकन, बीजेपी से कौन है उनके सामने?

Rajasthan Election 2023: नामांकन दाखिल करने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय से बाहर निकले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य की जनता सरकार को दोहराने के मूड में है।

Krishna Chaudhary
Published on: 6 Nov 2023 7:58 AM GMT (Updated on: 6 Nov 2023 10:55 AM GMT)
CM Ashok Gehlot
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CM Ashok Gehlot  (photo: social media )

Rajasthan Election 2023: राजस्थान के मुख्यमंत्री के तौर पर तीन कार्यकाल पूरा करने वाले अशोक गहलोत चौथी बार अपनी दावेदारी पेश करने जनता की अदालत में पहुंच गए हैं। सीएम गहलोत ने आज यानी सोमवार 6 नवंबर को जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। वो अपनी इस पारंपरिक सीट से छठी बार चुनाव मैदान में हैं। अशोक गहलोत अपनी पत्नी और बेटे वैभव गहलोत के साथ नामांकन भरने पहुंचे थे। प्रदेश में आज नामांकन की आखिरी तारीख है। लिहाजा नामांकन केंद्रों पर उम्मीदवारों की भारी भीड़ है।

गहलोत को उम्मीद सरकार रिपीट होगी

नामांकन दाखिल करने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय से बाहर निकले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य की जनता सरकार को दोहराने के मूड में है। पहले राजस्थान को पिछड़े राज्य के रूप में जाना जाता था, मगर यह अब बदल गया है। आज राजस्थान में एम्स, आईआईटी, आईआईएम और विश्वविद्यालय हैं। जब मैं पहले सीएम बना था तक केवल 6 विश्वविद्यालय थे, आज 100 से अधिक कॉलेज हैं।


उन्होंने कहा कि केरल में 76 साल तक लगातार सरकार बदलती थी। सिर्फ कोरोना प्रबंधन के कारण के कारण वहां की जनता ने सरकार रिपीट कर दी। हमारा कोरोना का मैनेजमेंट शानदार और बेहतर था। WHO ने भी तारीफ की थी। फिर हम क्यों नहीं उम्मीद करें कि हमारी सरकार रिपीट होगी।

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पांच बार से जीत रहे हैं गहलोत

अशोक गहलोत साल 1998 में कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे। उस दौरान वे विधायक नहीं थे। उनके लिए सरदारपुरा के तत्कालीन कांग्रेस विधायक मानसिंह देवड़ा ने अपनी सीट से इस्तीफा दिया था और फिर उपचुनाव में गहलोत वहां से जीते थे। 1999 में हुए उपचुनाव में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को 49 हजार मतों से हराया था। तब से जीत का सिलसिला जारी है। 2003, 2008, 2013 और 2018 में जीत उनकी हिस्से आती रही। 2013 में जब राजस्थान में कांग्रेस साफ हो गई थी और महज 21 सीटें ही जीत पाई थी, तब भी अशोक गहलोत ने अपनी सीट निकाल ली थी। पांच बार के विधायक गहलोत जोधपुर संसदीय सीट से पांच बार के सांसद भी हैं।


बीजेपी ने किसे दिया है टिकट ?

राजस्थान में अटकलें थीं कि बीजेपी आलाकमान सीएम अशोक गहलोत को इस बार नहीं देगा। उनके खिलाफ प्रदेश के किसी कद्दावर नेता को उतारा जाएगा। अटकलें गहलोत से मधुर संबंध रखने के लिए जाने जाने वालीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लेकर थी। शेखावत ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जोधपुर सीट पर सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को करारी शिकस्त दी थी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के इन दोनों ही कद्दावर नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया।


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इसके बाद बीजेपी ने महेंद्र सिंह राठौड़ को अपना प्रत्याशी बनाया। राठौड़ जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। बताया जा रहा है कि उनकी सिफारिश खुद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शीर्ष नेतृत्व से की थी। अशोक गहलोत ने 2018 में बीजेपी उम्मीदवार शंभू सिंह खेतासर को 48 हजार मतों से हराया था। ऐसे में बीजेपी के नए प्रत्याशी राजस्थान सीएम की राह में कितनी बड़ी चुनौती साबित होते हैं, ये चुनाव नतीजे बताएंगे।

बता दें कि राजस्थान की सभी 200 सीटों पर एक चरण में 25 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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