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Jharkhand Election: झारखंड में बागियों पर डोरे डाल रही BJP, CM हिमंत और कई बड़े नेता मनाने में जुटे
Jharkhand Election: हरियाणा के चुनाव नतीजे से भाजपा उत्साहित जरूर है मगर झारखंड की सियासी जंग आसान नहीं मानी जा रही है। इसलिए पार्टी यहां पर कोई भी रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है।
Jharkhand Election: झारखंड के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा कोई भी खतरा मोल लेने के लिए तैयार नहीं है। झारखंड में सत्तारूढ़ महागठबंधन के खिलाफ इस बार मुकाबला काफी कड़ा माना जा रहा है और इसीलिए भाजपा विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में बागी प्रत्याशियों को मनाने की कोशिश में जुट गई है। पहले चरण में पर्चा दाखिल करने वाले बागी प्रत्याशियों को मनाने की कवायद तेज कर दी गई है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अलावा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी बागी प्रत्याशियों को मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बागी प्रत्याशियों के घरों पर पहुंचकर उन्हें मनाने का प्रयास किया जा रहा है। पार्टी के पूर्व सांसद रवींद्र कुमार राय को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने का कदम इसी का नतीजा है। अन्य बागी प्रत्याशियों को भी आगे पार्टी की ओर से जिम्मेदारी सौंपे जाने का वादा किया जा रहा है।
बागियों को मनाने की कवायद
हरियाणा के चुनाव नतीजे से भाजपा उत्साहित जरूर है मगर झारखंड की सियासी जंग आसान नहीं मानी जा रही है। इसलिए पार्टी यहां पर कोई भी रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है। झारखंड में टिकट बंटवारे की घोषणा के बाद पार्टी को बागी प्रत्याशियों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसीलिए उन्हें मनाने की कवायद की जा रही है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार की देर रात गुमला से बागी प्रत्याशी मिसिर कुजुर से उनके आवास पर बातचीत की।
मिसिर पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी थे मगर इस बार उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा से जुड़े कमलेश राम ने कांके से पर्चा दाखिल किया है। हिमंत ने शनिवार को सांसद दीपक प्रकाश और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ उनसे डेढ़ घंटे तक बातचीत की। कमलेश राम ने कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बाद फैसला लेने की बात कही है।
निरंजन को मनाने में निशिकांत दुबे नाकाम
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ को मुनचुन राय, संदीप वर्मा और उत्तम यादव को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जुगसलाई से एनडीए प्रत्याशी रामचंद्र सहिस के खिलाफ अनुसूचित मोर्चा के नेता विमल बैठा ने नामांकन दाखिल कर दिया है जिन्हें मनाने की कवायद की जा रही है। प्रदेश स्तर के कई नेताओं को भी नाराज भाजपा नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ धनवार से समाजसेवी निरंजन राय चुनावी अखाड़े में कूद गए हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को निरंजन राय को मनाने की कोशिश की। दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बावजूद निरंजन राय अपना नामांकन वापस लेने के लिए तैयार नहीं हुए। हालांकि भाजपा नेताओं को घाटशिला से बागी प्रत्याशी लखन मार्डी को मनाने में कामयाबी मिल गई है।
मेनका सरदार ने इस्तीफा लिया वापस
झारखंड में तीन बार की विधायक मेनका सरदार ने नाराजगी में पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था मगर पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें मना लिया गया है। उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। बाघमारा इलाके की नेता किरण बाला को भी मनाने में पार्टी को कामयाबी मिली है। संथाल में रेणुका मुर्मू और नाला में सत्यानंद झा बाटुल को भी मानने की कोशिश की जा रही है।
बरकट्ठा से कुमकुम देवी को मनाने में पार्टी को कामयाबी नहीं मिली है और वे पार्टी के उम्मीदवार अमित यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में कूद पड़ी हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि झारखंड में भाजपा को इस बार सत्ता में वापसी का मौका दिख रहा है और इसीलिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है।