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Himanta Biswa Sarma: हिंदू दंगों में हिस्सा नहीं लेता क्योंकि वह जिहाद में विश्वास नहीं रखता, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान
Himanta Biswa Sarma: मुख्यमंत्री सरमा ने इंटरव्यू के दौरान दावा किया कि हिंदू शांतिप्रिय होते हैं। एक समुदाय के रूप में हिंदू जिहाद में विश्वास नहीं करते।
Himanta Biswa Sarma: कांग्रेस से बीजेपी में आए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा लगातार अपने बयानों को लेकर खबरों में रहते हैं। सरमा का भगवा दल में कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र और गोवा समेत अन्य राज्यों में जब भी बीजेपी का ऑपरेशन कमल होता है तो उसका गुवाहटी से लिंक जरूर होता है। असम सीएम ने एक निजी न्यूज टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जो सुर्खियों में है।
मुख्यमंत्री सरमा ने इंटरव्यू के दौरान दावा किया कि हिंदू शांतिप्रिय होते हैं। एक समुदाय के रूप में हिंदू जिहाद में विश्वास नहीं करते। हिंदू समुदाय दंगों में कभी शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा, गुजरात सरकार ने जो किया है उसके कारण ही राज्य में 2002 से स्थायी शांति है। अब कोर्ई कर्फ्यू नहीं होता है। दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मुझे भी यह सुनिश्चित करना है कि असम में शांति हो। असम सीएम ने यह बयान 2002 में दंगाइयों को सबक सिखाने वाली अमित शाह की टिप्पणी पर दिया।
दरअसल, साल 2002 के गुजरात दंगे में 1 हजार से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें से 800 से अधिक मुसलमान थे। राज्य में दंगे तब भड़के जब गोधरा रेलवे स्टेशन पर हिंदू तीर्थयात्रियों से भरी साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना में 59 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी।
राहुल पर की गई विवादित टिप्पणी पर कायम सरमा
असम के मुख्यमंत्री और गुजरात में बीजेपी के स्टार प्रचारक हिमंत बिस्वा सरमा पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर की गई अपनी विवादित टिप्पणी पर कायम हैं। उन्होंने कहा था कि सफेद बढ़ी हुई दाढ़ी में राहुल गांधी के इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन जैसे दिखते हैं। इस पर खूब बवाल मचा था। इंटरव्यू में इससे जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, राहुल गांधी अपनी दाढ़ी में सचमूच सद्दाम हुसैन जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस बयान का मकसद किसी सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ावा देना नहीं था। मैंने बस इतना कहा था कि राहुल सद्दाम की तरह दिखते हैं और कुछ नहीं।
बता दें कि साल 2015 में हिमंत सरमा ने राहुल गांधी पर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी। बीजेपी में शामिल होते है वह पीएम मोदी और अमित शाह के गुड बुक में शामिल हो गए। पहले पांच साल भाजपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहने के बाद साल 2021 के विधानसभ चुनाव के बाद उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल गई।