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महज इत्तेफाक या कुछ और.,व्यापम मास्टरमाइंड के साथ दिखे MP के CM कमलनाथ
मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले का मुख्य आरोपी शनिवार को एक स्कूली कार्यक्रम में सीएम कमलनाथ के साथ बैठा नजर आया। इसके बाद से यह फिर चर्चा में आ गया है। बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान सरकार में सबसे अधिक चर्चा व्यापम घोटाले की ही रही।
इंदौर मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले का मुख्य आरोपी शनिवार को एक स्कूली कार्यक्रम में सीएम कमलनाथ के साथ बैठा नजर आया। इसके बाद से यह फिर चर्चा में आ गया है। बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान सरकार में सबसे अधिक चर्चा व्यापम घोटाले की ही रही। मुख्यमंत्री कमलनाथ व्यापम घोटाले के मास्टरमाइंड जगदीश सगर (काला चश्मा) के साथ एक मंच पर नजर आए। मीडिया ने जब घोटालेबाज जगदीश सगर को पहचाना और कैमरों में कैद करना शुरू किया तो जगदीश सगर मंच से धीरे से निकल गया।
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जिस समय मंच पर व्यापम घोटाले का मास्टरमाइंड जगदीश सगर मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ था उस समय व्यापम घोटाले के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी भी मौजूद थे। इन दोनों की उपस्थिति के बाद कांग्रेस के पास यह कहने की गुंजाइश नहीं रही कि उन्हें मालूम नहीं था मंच पर खड़ा व्यक्ति कौन है।
व्यापम घोटाले के सामने आने के बाद जगदीश सागर को 2013 में मुंबई की एक होटल से इंदौर क्राइम ब्रांच ने गिरफ़्तार किया था। मंच पर वह सूट पहने और काले रंग का सनग्लास पहने हुए था। पहले जगदीश सागर ने शुरुआत में मीडिया के कैमरों से बचने की कोशिश की बाद में कार्यक्रम से चले गए।
कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान व्यापम में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को लेकर पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार पर निशाना साधा था। इसके बाद, सागर को बहुजन समाज पार्टी ने भिंड ज़िले में गोहद विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा था। सागर को व्यापम घोटाले के मास्टरमाइंड के रूप में जाना जाता है और इस मामले में उनकी गिरफ़्तारी भी हुई थी।
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व्यापम घोटाला
व्यापम घोटाला मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनियमितता के लिए जाना जाता है। यह घोटाला 2013 में सामने आया था । जगदीश सागर जो कि एक चिकित्सक भी हैं, उनके ऊपर प्री-मेडिकल टेस्ट में धाँधली करने और सैकड़ों छात्रों को अनुचित साधनों के माध्यम से परीक्षा देने में मदद करने का आरोप लगा हुआ है। अपने चुनावी हलफ़नामे में, उनके ख़िलाफ़ दर्ज आपराधिक मामलों में, सागर ने कई मामलों का उल्लेख किया है, इनमें मध्य प्रदेश प्री मेडिकल टेस्ट (MPMT) घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के दर्ज मामले शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल जगदीश सागर के ख़िलाफ़ आरोपों की जाँच के बाद खुलासा किया था कि जगदीश सागर ने अवैध रूप से PMT-2012, पूर्व-पीजी परीक्षा-2012, PMT-2013 में गड़बड़ी का सहारा लेकर धन अर्जित किया था। उन्होंने अपनी अवैध कमाई को नियमित रूप से बैंक में जमा किया था।