×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Mission 2024 : गैर भाजपाई दलों की गोलबंदी में जुटे नीतीश और KCR, PM पद के चेहरे पर नहीं खोले पत्ते

विपक्ष के चेहरे को लेकर पूछे गए सवाल पर नीतीश प्रेस कॉन्फ्रेंस से खड़े हो गए। कहने लगे, यह सवाल अभी छोड़ दीजिए। वहीं, केसीआर ने कहा कि सभी विपक्षी नेता इस बाबत बैठकर बातचीत करेंगे।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 1 Sept 2022 10:58 AM IST
cm nitish kumar and kcr engaged in mobilization of non bjp parties before 2024 lok sabha elections
X

नीतीश और KCR

Mission 2024 : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने 2024 की सियासी जंग के लिए गैर भाजपाई दलों की एकजुटता के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। बिहार में हुए बड़े सियासी बदलाव के बाद केसीआर (KCR) की पटना यात्रा को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। इस यात्रा के दौरान केसीआर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के अलावा राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनके बेटे व राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ गहराई से मंथन किया।

माना जा रहा है कि इस दौरान केसीआर ने लालू और नीतीश के साथ गैर भाजपाई दलों की गोलबंदी पर गहन चर्चा की है। सियासी जानकारों का कहना है कि नीतीश के साथ केसीआर की बातचीत के दौरान भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए मिलकर प्रयास करने पर सहमति बनी है। नीतीश और लालू से चर्चा के साथ ही केसीआर ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला।

केंद्र पर गंभीर आरोप, लेकिन अपने पत्ते नहीं खोले

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने कहा, कि 'केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद पिछले आठ वर्षों में सिर्फ विनाश हो रहा है। उन्होंने 2024 के चुनाव में एकजुट होकर भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का आह्वान भी किया।' हालांकि, केसीआर और नीतीश दोनों नेताओं ने 2024 की सियासी जंग में पीएम पद के चेहरे को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले।

KCR की पटना यात्रा काफी अहम

मौजूदा समय में नीतीश और केसीआर दोनों नेताओं ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। नीतीश ने हाल में भाजपा को बड़ा झटका देते हुए राजद से हाथ मिला लिया था। इसके बाद वे भाजपा नेताओं के हमलों का तीखा जवाब देने में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर, केसीआर तेलंगाना के विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की ओर से की जा रही तगड़ी घेराबंदी को तोड़ने की कोशिश में लगे हैं। केसीआर इन दिनों सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) पर हमला कर रहे हैं।


केसीआर के स्वागत में नीतीश ने कोई कसर नहीं छोड़ी

बिहार में हुए सियासी बदलाव के बाद केसीआर की बुधवार को पटना यात्रा की सियासी हलकों में काफी चर्चा है। नीतीश कुमार ने भी केसीआर के स्वागत में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। वे केसीआर को रिसीव करने के लिए खुद पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे। राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी केसीआर का स्वागत करने में पीछे नहीं रहे। तेजस्वी ने पिछले दिनों हैदराबाद की यात्रा के दौरान भी देश के सियासी हालात पर केसीआर से गहन चर्चा की थी।

विपक्ष के चेहरे पर टालमटोल की कोशिश

केसीआर से नीतीश कुमार की मुलाकात के दौरान भी तेजस्वी यादव मौजूद थे। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के दौरान भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने के तौर-तरीकों पर गहराई से चर्चा की गई। सूत्रों का कहना है कि इस बातचीत के दौरान भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए मिलजुल कर लड़ाई लड़ने पर सहमति बनी। हालांकि नीतीश और केसीआर दोनों ने इस बातचीत को लेकर अभी तक कोई खुलासा नहीं किया है।

'यह सवाल अभी छोड़ दीजिए'

विपक्ष के चेहरे को लेकर पूछे गए सवाल पर नीतीश प्रेस कॉन्फ्रेंस से खड़े हो गए और कहने लगे कि यह सवाल अभी छोड़ दीजिए। दूसरी और केसीआर ने कहा कि सभी विपक्षी नेता इस बाबत बैठकर बातचीत करेंगे और सर्वसम्मति से जो बात निकल कर रहा है कि उसे विस्तार से बताया जाएगा।

लालू यादव के साथ भी गहन मंथन

बाद में केसीआर ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर जाकर राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की। केसीआर के लालू से पुराने आत्मीय रिश्ते रहे हैं और लालू ने केसीआर का आवास पर जोरदार स्वागत किया। इस दौरान इस दौरान राबड़ी देवी के अलावा लालू के दोनों बेटे तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। लालू यादव और केसीआर काफी देर तक गर्मजोशी के साथ एक-दूसरे का हाथ थामे रहे। बाद में लालू परिवार और केसीआर के बीच अलग कमरे में देश के सियासी हालात पर गहन चर्चा हुई।


मोदी सरकार पर केसीआर का बड़ा हमला

दरअसल, केसीआर इन दिनों गैर भाजपाई दलों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। जानकारों का मानना है कि उनकी पटना यात्रा का मकसद यही था। नीतीश और लालू के साथ मुलाकात के दौरान इसी मुद्दे पर चर्चा की बात बताई जा रही है। हालांकि जदयू और राजद नेताओं ने केसीआर से हुई बातचीत का कोई ब्योरा नहीं दिया है। बाद में केसीआर ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए देश को विनाश के रास्ते पर ले जाने का बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, मोदी सरकार की नाकामियों की वजह से काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बेहतर काम करने वाली राज्य सरकारों को भी काम नहीं करने दे रही है। उन्होंने पीएम मोदी की कई योजनाओं का जिक्र करते हुए उनकी सफलता पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण ही देश में बेतहाशा महंगाई बढ़ी है और आम लोग बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

नीतीश के विपक्ष में आने से बढ़ा हौसला

जानकारों का मानना है कि तेलंगाना के विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा केसीआर की तगड़ी घेराबंदी में जुटी हुई है। इसी कारण केसीआर ने भी भाजपा के खिलाफ गैर भाजपाई दलों की गोलबंदी के लिए पूरी ताकत लगा दी है। नीतीश कुमार के एनडीए से बाहर निकलने के फैसले से विपक्षी दलों का हौसला बढ़ा है। इसी कारण केसीआर ने नीतीश और लालू से चर्चा करके भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर मुहिम छेड़ने की रणनीति पर चर्चा की है। केसीआर खुद भी भाजपा को तीखा जवाब देने में जुटे हुए हैं और हाल में उन्होंने कई मौकों पर मोदी सरकार की घेराबंदी की है।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story