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Uniform Civil Code: उत्तराखंड विधानसभा में UCC विधेयक पेश, ओवैसी बोले- यह मुसलमानों के खिलाफ है यह साजिश

Uniform Civil Code: यूसीसी विधेयक सोमवार से शुरू हुए विधानसभा के चार दिवसीय विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधयेक पेश होते ही सदन में भाजपा विधायकों की ओर से जय श्रीराम और वंदे मातरम के नारे लगाए। इसके बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे के लिए स्थगित कर दी गई।

Viren Singh
Published on: 6 Feb 2024 12:30 PM IST (Updated on: 6 Feb 2024 12:33 PM IST)
Uniform Civil Code
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Uniform Civil Code (सोशल मीडिया)  

Uniform Civil Code: उत्तराखंड की भाजपा सरकार मंगलवार को राज्य विधानसभा में समान नागिरक संहिता विधेयक पेश कर दिया है। इस विधेयक के पेश होते ही भारत की उत्तराखंड विधानसभा ऐसी पहली विधानसभा है, जिसमें यूसीसी को लागू करने की दिशा में सबसे पहले कदम उठाया है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा की लेबल पर यूसीसी बिल पेश कर दिया। इससे पहले सीएम धामी ने इसे गर्व का क्षण करार देते हुए कहा उत्तराखंड यूसीसी को लागू करने की दिशा में सबसे पहले कदम उठाएगा। सदन में पेश हुए इस बिल पर राज्य के विपक्षीय दल सहित देश के तमाम विरोधी दलों ने नेताओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है तो वहीं, एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने देश में मुलसमानों के खिलाफ रची जा रही साशिज करार दिया है।

यूसीसी पेश होते ही लगे सदन में जय श्री राम के नारे

यूसीसी विधेयक सोमवार से शुरू हुए विधानसभा के चार दिवसीय विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधयेक पेश होते ही सदन में भाजपा विधायकों की ओर से जय श्रीराम और वंदे मातरम के नारे लगाए। इसके बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे के लिए स्थगित कर दी गई। सीएम धामी ने एक्स पर पोस्ट किया, ''देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता विधेयक आज विधानसभा में पेश किया जाएगा। यह सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है। बता दें कि हम यूसीसी लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे।

ओवैसी बोले- मुसलमानों को मजबह से दूर करने हो रही साशिज

एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुए यूसीसी बिल को मुसलमानों के खिलाफ साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि इस नए बिल के माध्यम से राज्य और देश में मुसलमानों को उनके मजहब दूर करने की साजिश रची जा रही है। सरकार ने जनजातियों को इस बिल से दूर बाहर रखा गया है, फिर यह कैसे यूनिफॉर्म सिविल कोड हो सकता है।

रविवार को उत्तराखंड कैबिनेट ने यूसीसी के अंतिम मसौदे को मंजूरी दे दी थी। यह विधयेक राज्य में सभी समुदायों के लिए समान नागरिक कानून का प्रस्ताव करता है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने यूसीसी का एक मसौदा मुख्यमंत्री को सौंपा था। मार्च 2022 में धामी सरकार ने यूसीसी के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया था। इसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के हाथों सौंपी गई थी।

कांग्रेस बोली- यूसीसी बिल पर नियमों का पालन नहीं

विधानमंडल में यूसीसी बिल आने पर उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री इसे पारित कराने के लिए बहुत उत्सुक हैं और नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। किसी के पास ड्राफ्ट कॉपी नहीं है और वे इस पर तत्काल चर्चा चाहते हैं। केंद्र सरकार उत्तराखंड जैसे संवेदनशील राज्य का इस्तेमाल प्रतीकात्मकता के लिए कर रही है। अगर वे यूसीसी लाना चाहते हैं, तो इसे केंद्र सरकार द्वारा लाया जाना चाहिए था।

यूसीसी पर केंद्र सरकार ने दिया ये बयान

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार को कहा कि समान नागरिक संहिता परामर्श प्रक्रिया में है और भारत के विधि आयोग द्वारा इसकी समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा, ''यह सिर्फ केंद्र का मुद्दा नहीं है, जब संविधान बनाया जा रहा था तब भी संविधान निर्माताओं ने इस पर चर्चा की थी...अभी, यह मामला भारत के विधि आयोग के विचाराधीन है और परामर्श प्रक्रिया में है।'' राज्य इसे ठीक कर सकते हैं या इसमें सुधार कर सकते हैं और गोवा सरकार पहले ही यूसीसी पर काम कर चुकी है। उत्तराखंड सरकार ने कैबिनेट में इसे मंजूरी दे दी है और जैसे ही हमें विधि आयोग से रिपोर्ट मिलेगी, हम आपको सूचित करेंगे।



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Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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