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शहीद रमाशंकर के घर पहुंचे शिवराज, कहा- दुर्दांत आतंकी मारे गए, विपक्ष कर रहा राजनीति
भोपालः हेड कांस्टेबल रमाशंकर यादव के घर मातम का माहौल है। 9 दिसंबर को उनकी बेटी की शादी थी। इससे पहले ही हेड कांस्टेबल रमाशंकर की मौत हो गई। ड्यूटी के दौरान उनकी सिमी आतंकियों ने हत्या कर दी। उनके दो बेटे हैं जो फौज में हैं। उनकी शादी हो चुकी है।
मंगलवार को शहीद रमाशंकर को अंतिम विदाई दी गई इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने शहीद की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है, ये दुर्दांत आतंकी थे जाेे मारे गए। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
शिवराज ने क्या कहा
-हमारे लिए सबसे पहले देश की सुरक्षा है।
-ये दुर्दांत आतंकी थे जिन्हें मार गिराया गया है।
-कुछ नेता इस पर सियासत कर रहे हैं।
शहीद कांस्टेबल की लगेगी प्रतिमा
-शिवराज ने कहा कि इस कॉलोनी का नाम शहीद रमाशंकर रखा जाएगा।
-उपयुक्त स्थान देखकर शहीद रमाशंकर की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
-शिवराज सिंह ने शहीद के परिजनों को 5 लाख रुपए देने का वादा किया है।
क्या था पूरा मामला
सेंट्रल जेल में करीब 3400 कैदी हैं। दिवाली की रात यहां 70 सिक्युरिटी गार्ड होने चाहिए थे, लेकिन सिर्फ 40 ही ड्यूटी पर थे। इसी दौरान मौका पाकर 8 सिमी के आतंकी जेल से भाग निकले। आतंकियों ने इस दौरान कांस्टेबल रमाशंकर की हत्या कर दी। इस घटना के महज 8 घंटे बाद सभी आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया गया। इस एनकाउंटर में एक वीडियो वायरल हुअा जिसमेेंं आतंकी सरेंडर की बात कर रहे थे लेकिन उनका एनकाउंटर किया गया। इस पर विपक्षी नेताओंं ने सवाल उठाए हैं।
सेंट्रल जेल से भागे 8 सिमी आतंकियों के मारे जाने के बाद राजनीति शुरू हो गई है। विपक्षी दल इसकी न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं इस पूरे एनकाउंटर का वीडियो सामने आने के बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार घिरती नजर आ रही है। वीडियो में गोली मारते और जेब से चाकू निकालने की तस्वीर है। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले की एनआईए से जांच कराने की बात कही है।
मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
इस पूरी घटना के बाद मानवाधिकार आयोग पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। तीन दिन से जेल के सीसीटीवी कैमरे खराब थे वहीं सवाल उठ रहे हैं कि सिमी आतंकियों को एनकाउंटर की बजाय जिंदा पकड़ा जा सकता था। एनकाउंटर के समय एक मोबाइल वीडियो सामने आया है इसमें आतंकी सरेंडर करने की बात कह रहे हैं। भोपाल पुलिस इस पूरे मामले की मानवाधिकार को जल्द रिपोर्ट सौपेगी।
मुख्यमंत्री ने जेल के पांच अफसरों को निलंबित कर दिया और जेल के अतिरिक्त महानिदेशक को पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है। वहीं आईजी योगेश चौधरी ने रविवार को खुलासा किया है । चौधरी के मुताबिक कैदियों ने टूथब्रश (प्लास्टिक) और लकड़ी से चाबियां बनाई थीं।