TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी गोबर गैस से बन सकती है CNG

उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी गौशालाओं के गोबर गैस को सीएनजी में तब्दील किया जा सकता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश से ये तकनीक उत्तराखंड को उपलब्ध कराने को कहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव गुप्ता से मुलाकात की।

priyankajoshi
Published on: 23 Feb 2018 4:12 PM IST
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी गोबर गैस से बन सकती है CNG
X

देहरादून: उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी गौशालाओं के गोबर गैस को सीएनजी में तब्दील किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश से ये तकनीक उत्तराखंड को उपलब्ध कराने को कहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव गुप्ता से मुलाकात की।

राजीव गुप्ता ने गौ सेवा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में संचालित कार्यक्रमों एवं योजनाओं के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न गौशालाओं में गोबर गैस को कंपोस्ड नैचुरल गैस (CNG) में परिवर्तित कर सिलेंडर में भरने आदि का कार्य संचालित हो रहा है। उसकी तकनीक यदि उत्तराखंड को भी उपलब्ध हो जाए, तो इससे ऊर्जा की बचत के साथ ही गौशालाओं की आय के संसाधनों में भी वृद्धि हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में एक किसान द्वारा अपनी 250 गायों की गौशाला में दुग्ध उत्पादों के प्लांट के साथ ही गोबर गैस का प्रोसेसिंग प्लांट भी लगाया गया है, जिससे उनके द्वारा 85 घरों को प्रतिदिन दो घंटा गैस उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को गौ सेवा से जोड़ने के लिये गौ-मूत्र, गोबर, दुग्ध उत्पादों की प्रोसेसिंग, आधुनिक तकनीक का उपयोग कर इसे आय का कारगर साधन बनाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में केवल श्रीकृष्ण गौशाला में ही लगभग 2 हजार गायें है, जबकि अन्य गौशालाओं में भी गाय पालन हो रहा है। इन गौशालाओं में ऐसे प्रयोग कारगर हो सकते है।

राजीव गुप्ता ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र को बताया कि गौ सेवा केन्द्रों के माध्यम से गोबर के लट्ठे व गमले जैसी चीजें भी बनाई जा सकती हैं। जैविक कृषि के लिये गोबर की खाद का अपना महत्व है। उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य में गौ सेवा के क्षेत्र में सहयोग का भी आश्वासन दिया है।



\
priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

Next Story