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झारखंड: कई गाड़ियों समेत 40 लोग खदान में दबे, 6 महीने पहले भी हुआ था हादसा
झारखंड में गोड्डा जिले के ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) की एक खदान में मिट्टी धंसने के कारण दो दर्जन से अधिक गाड़ियां और करीब 40 लोग दब गए हैं। यह खदान ललमटिया के भोड़ाय गांव में है।
रांची: झारखंड में गोड्डा जिले के ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) की एक खदान में मिट्टी धंसने के कारण दो दर्जन से अधिक गाड़ियां और करीब 40 लोग दब गए हैं। यह खदान ललमटिया के भोड़ाय गांव में है। घटना गुरुवार (29 दिसंबर) की रात 8 बजे हुई। ईसीएल ने राजमहल परियोजना का हिस्सा वाली इस खान को महालक्ष्मी खनन कंपनी को लीज़ पर दे रखा था। खदान में फंसे लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। खदान में 200 फीट तक डीप माइनिंग चल रहा था। हादसे के बाद पूरा मलबा ढह गया। आशंका जताई जा रही है कि खाई में दबे अधिकतर लोगों की मौत हो गई है।
सीएम ने डीसी से की बात
-सीएम रघुवर दास ने खदान दुर्घटना की सूचना मिलते ही तत्काल गोड्डा के डीसी अरविंद कुमार से बात की।
-सीएम ने डीसी अरविंद कुमार को राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाने का निर्देश दिया।
-उन्होंने सीनियर अफसरों को घटनास्थल पर ही बने रहने का भी निर्देश दिया जिससे राहत कार्य में कोई परेशानी न हो।
-देर रात सीएम ने सीएस राजबाला वर्मा और डीजीपी डीके पांडेय से भी बात की।
-सीएम खुद मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
पहले भी हो चुका है हादसा
-करीब 06 महीने पहले इसी खदान में एक ड्रील मशीन डूब गई थी।
-कंपनी ने उस घटना से सबक नहीं लिया और पहले की तरह काम चालू रखा।
-घटना के बाद से वहां के मजदूर आक्रोशित हैं।
राजमहल परियोजना में यह पहला हादसा नहीं
-ईसीएल की राजमहल परियोजना में यह पहला हादसा नहीं है।
-इससे पहले भी राजमहल परियोजना में 26 सितंबर 2001 की सुबह मिट्टी धंसने से एक साथ 12 लोगों की मौत हो गई थी।
-जिनमें 09 महिलाएं शामिल थीं।
-घटना के बाद राजमहल परियोजना में सुरक्षा पर सवाल उठे थे।
-मामले को लेकर दो प्राथमिकी भी ललमटिया थाना में दर्ज हुई थी।
-इसके साथ ही कई अधिकारी निलंबित हुए थे।