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मधु कोड़ा को तीन साल की सजा, 25 लाख का जुर्माना
सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को कोयला घोटाला में झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को 3 साल की सजा सुनाई और 25 लाख रूपए का जुर्माना भी ठोका।
नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को कोयला घोटाला में झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को 3 साल की सजा सुनाई और 25 लाख रूपए का जुर्माना भी ठोका। कोड़ा और तीन अन्य दोषियों को हाईकोर्ट में अपील के लिए 2 महीने की अंतरिम जमानत भी दी गई है।
दो दिन पहले कोर्ट ने कोड़ा, पूर्व कोयला सेक्रेटरी एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व चीफ सेक्रेटरी अशोक कुमार बसु, कोड़ा के करीबी विजय जोशी को दोषी करार दिया था। इसके बाद कोड़ा ने फैमिली और हेल्थ का हवाला देकर सजा में नरमी बरते जाने की अपील की थी।
यह केस झारखंड स्थित राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के कोलकाता की वीआईएसयूएल को आवंटन में अनियमितता से जुड़ा है। विनी आयरन एंड स्टील उद्योग से 14 सितंबर 2006 को तत्कालीन उद्योग सचिव अरुण कुमार सिंह ने धनबाद में छह लाख टन की क्षमता का स्टील प्लांट लगाने का एमओयू किया था।
कंपनी से निदेशक संजीव तुलस्यान ने साइन किए थे। कोर्ट ने इस केस के चार आरोपियों को बरी किया है। इनमें वीआईएसयूएल के डायरेक्टर वैभव तुल्सयान, सीए नवीन कुमार तुल्सयान, IAS बसंत कुमार भट्टाचार्य और बिपिन बिहारी सिंह शामिल हैं।
कोड़ा सरकार ने राजहरा नार्थ कोल ब्लॉक आवंटन के लिए पहले मुकुंद लिमि. और जूम बल्लभ कंपनी का नाम केंद्रीय कोयला मंत्रालय को भेजा था। फिर इसे विनी आयरन एंड स्टील को आवंटित कर दिया।
कोर्ट में सीबीआई ने बताया था कि मंत्रालय ने जब सरकार से ब्लॉक आवंटन के लिए नाम मांग तो दो कंपनियों के नाम भेजे गए। इसमें विनी आयरन नहीं थी। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई, तो झारखंड के तत्कालीन सीएस एके बसु शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि सीएम की इच्छा है कि विनी आयरन को ब्लॉक आवंटित हो। तब कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने कहा कि उस कंपनी का प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया है। तब बसु ने कहा कि विनी को ब्लॉक आवंटित नहीं करेंगे, तो वे बैठक की कार्यवाही के कागजात पर साइन नहीं करेंगे, क्योंकि सीएम का ऐसा आदेश है।
गुप्ता ने लिखित प्रस्ताव भेजने को कहा। तब की सरकार ने नया प्रस्ताव नहीं भेजा। तब स्क्रीनिंग कमेटी ने मुकुंद लिमि. को ब्लॉक देने की अनुशंसा की। बसु ने कहा कि मुकुंद लिमि. की हालत ठीक नहीं है, तब विनी आयरन को ब्लॉक दे दिया गया।
वीआईएसयूएल ने 8 जनवरी 2007 को कोल ब्लॉक के लिए आवेदन किया था । झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने इसे ब्लॉक देने की सिफारिश नहीं की, लेकिन 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने इसकी सिफारिश कर दी।
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