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Budget 2023: गोल्ड पर शुल्क कटौती की उम्मीद, आइये जाने कितना मिलेगा आपको फायदा

Budget 2023: भारतीय आभूषण सेगमेंट को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी केंद्रीय बजट 2023-24 में सोने पर सीमा शुल्क कम कर देंगी।

Neel Mani Lal
Published on: 1 Feb 2023 7:01 AM IST (Updated on: 1 Feb 2023 7:01 AM IST)
reduce import duty on gold Budget 2023
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Gold  (सोशल मीडिया)  

Budget 2023: सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर जा रही हैं, तथा त्योहारी सीजन के दौरान खुदरा बिक्री में गिरावट आ रही है। ऐसे में भारतीय आभूषण सेगमेंट को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी केंद्रीय बजट 2023-24 में सोने पर सीमा शुल्क कम कर देंगी।

सीमा शुल्क और कृषि सेस

वर्तमान में सोने पर मूल सीमा शुल्क लगभग 12.5 फीसदी है और अतिरिक्त 2.5 फीसदी कृषि अवसंरचना उपकर यानी सेस के रूप में लगता है। पिछले बजट में चालू खाते के घाटे को कम करने के लिए शुल्क बढ़ाया गया था। इसका परिणाम 2021 में सोने के 1,068 टन आयात की तुलना में 2022 में 706 टन तक की भारी कमी हुई थी। शुल्क वृद्धि के परिणामस्वरूप भारत में सोने की तस्करी में अनुमानित 200 टन प्रति वर्ष की वृद्धि हुई और यही वास्तव में सोने की खुदरा बिक्री को बढ़ा रहा है।

आयात शुल्क घटाने की मांग

जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) की मांग सोने, चांदी और प्लेटिनम पर आयात शुल्क घटाकर 4 फीसदी करने की है। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन आदि के बाद पिछले साल संगठित खुदरा विक्रेताओं की पिछले वित्त वर्ष में लगभग 36 फीसदी की वृद्धि हुई थी। संगठित क्षेत्र कुल बाजार का लगभग एक तिहाई हिस्सा है, जबकि बाकी हिस्सा अत्यधिक खंडित असंगठित क्षेत्र का है।

तस्करी का सोना

संगठित खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि तस्करी किए गए अधिकांश सोने को आभूषण के रूप में बनाया जाता है और असंगठित क्षेत्र के माध्यम से बेचा जाता है।

भारत में बिक्री

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने बताया है कि भारत ने 2022 की तीसरी तिमाही में 146 टन सोने की मांग के साथ पिछले वर्ष की तुलना में 17 फीसदी की वृद्धि की है। भारत ने सोने की बिक्री में वैश्विक रिकवरी का नेतृत्व किया है। ये 2018 के बाद से सबसे मजबूत वृद्धि है। सोने के आभूषण के खुदरा विक्रेताओं का हालिया क्रिसिल रेटिंग अध्ययन का कहना है कि खुदरा बिक्री की मात्रा इस वित्त वर्ष में 16-18 फीसदी बढ़कर 670-700 टन हो जाएगी। ये मांग कोरोना से पहले के 600 टन के स्तर को पार करेगी क्योंकि बड़े पैमाने पर शादी और त्योहार में सोने की मांग बनने वाली है। शादी और त्योहार, सोने के आभूषणों की बिक्री का 80-85 फीसदी हिस्सा बनते हैं। लेकिन दिक्कत ये है कि खरीदार ऊंचे दामों की वजह से पीछे हटे हुए हैं।

सरकार से मांग

जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के अध्यक्ष विपुल शाह के अनुसार, सोना, चांदी और प्लेटिनम पर आयात शुल्क को घटाकर 4 फीसदी करना भारत सरकार के लिए हमारी इच्छा सूची में एक प्रमुख सिफारिश है। जीजेईपीसी का मानना है कि यह आयात शुल्क निर्यातकों से पूंजी की निकासी कर रहा है और सभी प्रकार के आर्थिक अनाचारों का जनक है। उनका कहना है कि - हम वित्तीय बजट 2023 की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमारे पास भारत के आभूषण क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को अनलॉक करने और इसे वैश्विक नेता और व्यापार केंद्र बनने के लिए विकसित करने का एक बड़ा अवसर है।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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