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Communist Party China: मशीन बताएगी कौन है वफादार, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कर रही इस्तेमाल

Communist Party China: राजनीति में कौन वफादार है और कौन नहीं, ये पता लगा पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन चीन ने इस समस्या का समाधान निकालने का दावा किया है। वहां एक ऐसी मशीन बनाई गई है जो नेताओं की वफादारी के बारे में पता कर लेगी।

Neel Mani Lal
Published on: 10 July 2022 3:04 PM IST
Communist Party China
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Communist Party China (image credit social media)

Communist Party China: राजनीति में कौन वफादार है और कौन नहीं, ये पता लगा पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन चीन ने इस समस्या का समाधान निकालने का दावा किया है। वहां एक ऐसी मशीन बनाई गई है जो नेताओं की वफादारी के बारे में पता कर लेगी। रिपोर्टों के अनुसार, पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत में हेफ़ेई व्यापक राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र (कंप्रेहेंसिव नेशनल साइंस सेंटर) ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के जरिये सशक्त बनाने के प्रोजेक्ट पर काम किया है।सेंटर के शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है जो चेहरे के स्कैन का उपयोग करके सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के प्रति वफादारी का पता कर सकता है।

30 जून को हेफ़ेई कॉम्प्रिहेंसिव नेशनल साइंस सेंटर के वीबो अकाउंट पर अपलोड किए गए एक शॉर्ट वीडियो में कहा गया है कि यह प्रोजेक्ट आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस का एक उदाहरण है। बाद में वीबो से इस पोस्ट को हटा दिया गया लेकिन सीसीपी की 1 जुलाई की वर्षगांठ के सम्मान में निर्मित वीडियो का एक टेक्स्ट सारांश इंटरनेट आर्काइव पर उपलब्ध था। इसमें कहा गया है कि पार्टी के सदस्यों की गतिविधियों की गुणवत्ता की गारंटी एक समस्या बन रही है। यह उपकरण एक प्रकार की स्मार्ट विचारधारा है, जो चेहरे के भाव, ईईजी रीडिंग और त्वचा की स्थिति को समझने और एकीकृत करने के लिए एआई तकनीक का उपयोग करता है।

इससे वैचारिक और राजनीतिक शिक्षा की एकाग्रता, मान्यता और महारत के स्तर का पता लगाना संभव होता है। विवरण में कहा गया है कि यह वैचारिक और राजनीतिक शिक्षा के संयोजकों के लिए वास्तविक डेटा प्रदान कर सकता है। इससे वे शिक्षा के तरीकों में सुधार कर सकते हैं और कंटेंट को समृद्ध कर सकते हैं। ये भी बताया गया है कि ये डिवाइस "भावनात्मक रूप से इंटेलिजेंट कंप्यूटिंग" पर निर्भर करती है। हांगकांग के मिंग पाओ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार वीडियो में दिखाया गया है कि, सफेद रंग के कपड़े पहने एक शोधकर्ता एक कमरे में आता है और एक स्क्रीन के सामने बैठता है।

टेस्ट के बाद में स्कोर और विश्लेषण ऑनस्क्रीन डिस्प्ले हो जाता है। अनहुई स्थित एक समाजशास्त्री सोंग दान ने कहा है कि राजनीतिक संवेदनशीलता के कारण इस वीडियो को हटा दिया गया था। उन्होंने कहा कि हेफ़ेई स्थित सेंटर पार्टी के सदस्यों और कार्यकर्ताओं की वफादारी को मापने के लिए बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहा है। इससे पता चलता है कि सीसीपी अधिक से अधिक अधिनायकवादी होता जा रहा है। सोंग ने कहा कि ये तकनीक पॉलीग्राफ पर आधारित थी, जिसका उपयोग सुरक्षा सेवाओं द्वारा झूठ का पता लगाने के लिए किया जाता था।

उन्होंने कहा कि इस तकनीक का इस्तेमाल पार्टी के संभावित सीसीपी विरोधी एजेंट का पता करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा अधिकारियों पर इन तकनीकों का उपयोग पार्टी रैंकों के भीतर मामलों की दयनीय स्थिति को प्रदर्शित करता है। 2018 में चीन के झेजियांग प्रांत के अधिकारियों ने एक हाईस्कूल कक्षा में "ऑल-व्यूइंग आई" डिवाइस स्थापित की थी जिससे पता लगाया जा सकता था कि कक्षा में कौन से छात्र ध्यान नहीं दे रहे थे या ऊँघ रहे थे। ये प्रणाली एक सर्विलांस कैमरे के जरिये छात्रों की बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के भावों को ट्रैक करता है और डेटा को चेहरे की पहचान वाले सॉफ्टवेयर से जोड़ता है।



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Prashant Dixit

Prashant Dixit

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