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हरियाणा की हार से महाराष्ट्र में सतर्क हुई कांग्रेस, हाईकमान ने प्रदेश के पार्टी नेताओं की कसी नकेल
Maharashtra Assembly Election 2024: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित हार से राहुल गांधी समेत पार्टी के अन्य शीर्ष नेता नाराज हैं और इसलिए महाराष्ट्र में पार्टी काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
Maharashtra Assembly Election 2024: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व महाराष्ट्र में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सतर्क हो गया है। पार्टी हाईकमान ने राज्य कांग्रेस नेताओं की नकेल कस दी है और उन्हें गठबंधन से जुड़े संवेदनशील मुद्दे पर बयानबाजी न करने की नसीहत दी है।
इसके साथ ही पार्टी नेताओं को जमीनी स्तर पर काम करते हुए शिंदे सरकार की विफलताओं को उजागर करने का निर्देश भी दिया गया है। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित हार से राहुल गांधी समेत पार्टी के अन्य शीर्ष नेता नाराज हैं और इसलिए महाराष्ट्र में पार्टी काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
हरियाणा वाली गलती न दोहराने का निर्देश
महाराष्ट्र और झारखंड में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और माना जा रहा है कि चुनाव आयोग की ओर से जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। महाराष्ट्र की सियासी स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर पार्टी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। राहुल गांधी ने पिछले दिनों हरियाणा की हार पर सख्त नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि हरियाणा में पार्टी नेताओं ने अपने हितों को पार्टी से ऊपर रखा। पार्टी नेताओं की गुटबाजी और अपने हितों की लड़ाई लड़ने के कारण पार्टी को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा।
ऐसे में हाईकमान की ओर से महाराष्ट्र के नेताओं को संदेश दिया गया है कि हरियाणा वाली गलती अब महाराष्ट्र में नहीं दोहरानी है। अगर पार्टी नेता हरियाणा वाली गलती से दूर रहेंगे तो महाराष्ट्र में निश्चित रूप से विजय हासिल होगी। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन मजबूत स्थिति में है और इसलिए पार्टी नेताओं को गठबंधन की जीत के लिए प्रयास करना चाहिए।
महाराष्ट्र के नेताओं को बयानबाजी न करने की सलाह
बैठक के दौरान महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं को यह बात बताई गई कि हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पार्टी की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा के बीच खींचतान के कारण पार्टी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। इसके साथ ही पार्टी के कई नेताओं की ओर से मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी किए जाने से भी पार्टी में बिखराव नजर आया। दूसरी ओर भाजपा ने संतुलित तरीके से चुनाव लड़ते हुए एकजुटता दिखाई जिसका पार्टी को फायदा मिला।
महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे सार्वजनिक बयानबाजी करने से बाज आएं और इस बाबत कोई चर्चा न करें कि चुनाव जीतने की स्थिति में कौन मुख्यमंत्री बनेगा। मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से ही किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे टिकट बंटवारे और सीटों को लेकर भी बयानबाजी न करें। इस तरह की बयानबाजी से राज्य में सहयोगी दलों के साथ कांग्रेस का टकराव बढ़ता है।
जमीनी स्तर पर काम करें पार्टी के नेता
बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र कांग्रेस के सभी नेताओं को जमीनी स्तर पर काम करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही लोगों तक यह संदेश पहुंचाने को भी कहा गया है कि शिंदे सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर किस तरह विफल साबित हुई है। बैठक के दौरान शीर्ष नेताओं ने कहा कि हरियाणा की हार के बाद महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गया है। पार्टी को यह चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगानी है और इसके लिए राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सभी मामलों पर नजदीकी नजर रखेंगे।
वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव को पार्टी हरियाणा की तरह हाथ से फिसलने नहीं देना चाहती। हरियाणा की तरह ही महाराष्ट्र में भी पार्टी मजबूत स्थिति में दिख रही है। इसलिए पार्टी नेताओं को किसी भी प्रकार की कोई गलती नहीं करनी चाहिए। पार्टी नेताओं को युद्ध स्तर पर चुनावी तैयारी में जुट जाने का निर्देश भी दिया गया है। जानकारों का कहना है कि इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान पार्टी के शीर्ष नेताओं की ओर से दी गई इस नसीहत का बड़ा असर दिख सकता है।