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हिमाचल सरकार के नेम प्लेट फरमान पर कांग्रेस में घमासान, हाईकमान नाराज, मंत्री विक्रमादित्य को लगाई फटकार
Name Plate Controversy: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के तर्ज पर जारी किए गए इस आदेश पर पार्टी में विवाद पैदा हो गया है।
Name Plate Controversy: नेम प्लेट को लेकर हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ओर से जारी फरमान पर पार्टी में घमासान छिड़ गया है। हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को राज्य के सभी होटल मालिकों, वेंडर्स और और ढाबा वालों को अपना नाम और पहचान लिखने का फरमान जारी किया था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के तर्ज पर जारी किए गए इस आदेश पर पार्टी में विवाद पैदा हो गया है।
कांग्रेस हाईकमान भी इस फरमान को लेकर विक्रमादित्य सिंह से काफी नाराज है। जानकार सूत्रों के मुताबिक बुधवार की रात पार्टी हाईकमान की ओर से विक्रमादित्य सिंह को दिल्ली तलब किया गया और उन्हें इस फरमान के लिए जमकर फटकार लगाई गई। कावड़ यात्रा के दौरान योगी सरकार की ओर से जारी किए गए फरमान पर तीखी आपत्ति जताने वाले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के फरमान पर चुप्पी साध रखी है।
अंतरिक्ष सुरक्षा के लिए कदम को जरूरी बताया
हिमाचल सरकार के वरिष्ठ मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार को सफाई पेश करते हुए कहा कि इस फरमान का उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के फरमान से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भी देश का हिस्सा है। इसलिए देश के अन्य राज्यों के लोगों का हिमाचल प्रदेश में स्वागत है मगर प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसके साथ ही हाइजिन को सही रखना भी प्रदेश सरकार की ही जिम्मेदारी है। इसलिए हमने फैसला लिया है कि सबको अपनी पहचान बतानी होगी। चाहे वह हिमाचल प्रदेश का हो या किसी दूसरे प्रदेश का। इसके लिए प्रदेश के फूड वेंडर्स का आईडेंटिफिकेशन कराया जाएगा। विक्रमादित्य सिंह की ओर से जारी किए गए इस फरमान पर अभी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
फैसले को लेकर कांग्रेस में नाराजगी
प्रदेश सरकार के इस फैसले को लेकर कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेताओं में नाराजगी दिख रही है। इन नेताओं का कहना है कि वे इस बाबत पार्टी हाईकमान से अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने हिमाचल सरकार के फैसले पर तीखी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यदि हिमाचल सरकार यह फैसला ले रही है तो यह सवाल उठेगा कि वह सत्ता में रहने लायक है या नहीं। एआईयूडीएफ के विधायक रफीकुल इस्लाम ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में अब क्या फर्क रह गया है। भाजपा तो पहले से ही नफरत फैलाने का काम करती रही है।अब कांग्रेस भी इस लाइन पर चल रही है। यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि कांग्रेस भी अब यूपी वाला मॉडल ही अपना रही है।
पार्टी हाईकमान ने लगाई फटकार
हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के फरमान पर कांग्रेस हाईकमान भी नाराज है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस फैसले को लेकर काफी नाराज हैं। पार्टी हाईकमान की ओर से बुधवार को विक्रमादित्य सिंह को तलब भी किया गया था। इस दौरान पार्टी हाईकमान की ओर से उन्हें इस फैसले को लेकर फटकार भी लगाई गई। हालांकि पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से इस बाबत कोई बयान नहीं जारी किया गया है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी इस प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है।
भाजपा ने किया फैसले का स्वागत
दूसरी और भारतीय जनता पार्टी ने विक्रमादित्य सिंह के फरमान को उचित बताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने राज्य में रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन की शुरुआत की थी। कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह आज उसी की चर्चा कर रहे हैं। जब हमने यह फैसला किया था तब कांग्रेस की ओर से हमारे फैसले का मजाक उड़ाया जा रहा था। आज कांग्रेस के लोग भी कह रहे हैं कि दुकान पर पहचान को दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह फैसला उचित है मगर यह देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस के लोग इस फैसले पर टिके रहते हैं या नहीं।