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Meghalaya: मेघालय में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका,चार में से तीन विधायकों ने दिया इस्तीफा,NPP में हुए शामिल
Meghalaya: एनपीपी ने मेघालय में अपने दम पर बहुमत हासिल कर लिया है। हालांकि राज्य में यूडीपी और भाजपा जैसी अन्य पार्टियों की गठबंधन की सरकार है। तीन विधायकों के इस्तीफे को मेघालय में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
Meghalaya: मेघालय में कांग्रेस के चार में से तीन विधायकों ने पाला बदलते हुए सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) की सदस्यता ग्रहण कर ली है। तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद अब राज्य में कांग्रेस का सिर्फ एक विधायक रह गया है। तीन विधायकों के एनपीपी में शामिल होने के बाद इस पार्टी के विधायकों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है।इस दलबदल के कारण एनपीपी ने मेघालय में अपने दम पर बहुमत हासिल कर लिया है। हालांकि राज्य में यूडीपी और भाजपा जैसी अन्य पार्टियों की गठबंधन की सरकार है। तीन विधायकों के इस्तीफे को मेघालय में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
इन तीन विधायकों ने बदला पाला
कांग्रेस के तीन विधायक सेलेस्टाइन लिंगदोह, चार्ल्स मर्गनेर और गेब्रियल वहलांग मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की उपस्थिति में आधिकारिक तौर पर एनपीपी में शामिल हो गए। इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विंसेंट पाला ने विधायकों के दल बदलने की आशंका जताते हुए तीनों को बैठक के लिए बुलाया था।गेब्रियल वहलांग और चार्ल्स मर्गनेर तो बैठक में शामिल नहीं हुए,लेकिन सेलेस्टाइन लिंगदोह शामिल हुए थे। इसके बाद गेब्रियल वहलांग और चार्ल्स मर्गनेर को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि बाद में लिंगदोह ने भी पाला बदलते हुए एनपीपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
सदस्यता जाने का भी खतरा नहीं
मेघालय के विधानसभा अध्यक्ष थॉमस संगमा ने अधिसूचित किया कि तीन विधायकों के कदम को दलबदल नहीं बल्कि विलय के रूप में अनुमति दी गई थी, क्योंकि कांग्रेस के दो-तिहाई से अधिक विधायक एनपीपी में शामिल हुए हैं। ऐसे में इन विधायकों की सदस्यता जाने का भी अब कोई खतरा नहीं रह गया है।मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कांग्रेस के तीन विधायकों का अपनी पार्टी में स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इन विधायकों का हमारी पार्टी में शामिल होना इस बात का संकेत है कि हमारी सरकार में सबका विश्वास बना हुआ है।
तीन विधायकों के एनपीपी में शामिल होने के बाद मेघालय की 60 सदस्यीय विधानसभा में एनपीपी की ताकत बढ़कर 31 पर पहुंच गई है। सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की संख्या बढ़कर अब 47 पहुंच गई है जबकि कांग्रेस में अब सिर्फ विधायक आरवी लिंगदोह ही बचे हुए हैं।
लोकसभा चुनाव में लगा था एनपीपी को झटका
कांग्रेस के तीन विधायकों का एनपीपी में शामिल होना पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। राज्य की तुरा लोकसभा सीट पर लंबे समय तक संगमा परिवार का कब्जा रहा है मगर इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। शिलांग लोकसभा सीट पर भी एनपीपी अपनी ताकत नहीं दिखा सकी थी और इस सीट पर क्षेत्रीय पार्टी वॉयस ऑफ पीपुल्स पार्टी ने जीत हासिल की थी।