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अब ओडिशा से मिला कांग्रेस को झटका, उम्मीदवार ने चुनाव लड़ने से किया इंकार, बताई ये वजह
Lok Sabha Election 2024: इससे पहले कांग्रेस को गुजरात और मध्य प्रदेश से झटका मिला चुका है। ओडिशा की पुरी कांग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती का मुकाबला इस बार भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उम्मीदवार संबित पात्रा से है। हालांकि मोहंती ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा होते ही कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले पार्टी के कुछ नेता दमन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। फिर पार्टी ने जिन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की, इनमें से कुछ ने लोकसभा चुनाव लड़ने के इंकार किया दिया या फिर नाम वापस के आखिरी दिन प्रत्याशी का चुनाव पर्चा खारिज हो गया। इन मुश्किलों की घड़ी में इस बार कांग्रेस को झटका ओडिशा से लगा है, जहां पर पार्टी के उम्मीदवार ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इंनकार दिया। इस संदर्भ में उम्मीदवार ने महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल का पत्र लिखा
इन वजह से किया चुनाव लड़ने को इंनकार
ओडिशा के पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। सुचरिता मोहंती ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए इस बात की जानकारी दी और कहा कि मैंने टिकट वापस कर दिया है, क्योंकि पार्टी मुझे फंड देने में सक्षम नहीं थी, साथ ही चुनाव न लड़ने का दूसरा कारण पर बताया। उन्होंने कहा कि 7 विधानसभा क्षेत्रों की कुछ सीटों पर जीतने योग्य उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया गया है। कांग्रेस के कुछ कमजोर उम्मीदवारों को टिकट मिल गया है, मैं इस तरह चुनाव नहीं लड़ सकती हूं।
मोहंती का था पात्रा से मुकाबला
ओडिशा की पुरी कांग्रेस उम्मीदवार सुचरिता मोहंती का मुकाबला इस बार भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उम्मीदवार संबित पात्रा से है। हालांकि मोहंती ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। सुचरिता मोहंती ने कहा कि मुझे पार्टी से फंड देने से इनकार कर दिया गया। भाजपा और बीजद पैसे के पहाड़ पर बैठे हैं। यह मेरे लिए मुश्किल था. हर जगह धन का अश्लील प्रदर्शन हो रहा है। मैं उस तरह प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहती। मैं एक पीपल-ओरिएंटेड कैम्पेन चाहती थी लेकिन धन की कमी के कारण यह भी संभव नहीं था। हालांकि धन की कमी के लिए मोहंती ने कांग्रेस को नहीं बल्कि भाजपा को जिम्मेदारी बनाया।
फंड की कमी पर भाजपा पर मढ़ा दोष
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पार्टी को पंगु बना दिया है। खर्चों पर काफी तरह का प्रतिबंध है। मुझे पुरी में जनता का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा था, वे बदलाव चाहते हैं। सुचरिता ने कहा कि पुरी संसदीय क्षेत्र में हमारा अभियान बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि पार्टी ने मुझे फंड देने से इनकार कर दिया है। मैं एक सैलरीड प्रोफेशनल जर्नलिस्ट थी, जो 10 साल पहले चुनावी राजनीति में आई। मैंने पुरी में अपने कैम्पेन में अपना सब कुछ झोंक दिया। अपने चुनाव अभियान को फंड करने के लिए पब्लिक डोनेशन कैम्पेन चलाने की कोशिश की, लेकिन अब तक इसमें कोई विशेष सफलता नहीं मिली है। मैंने खर्च को भी न्यूनतम करने का प्रयास किया, उसके बाद भी कुछ नहीं हो सका,इसलिए मैं चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है।
इससे पहले सूरत और इंदौर से लगा चुका झटका
इससे पहले कांग्रेस को गुजरात और मध्य प्रदेश से झटका मिला चुका है। गुजरात के सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का पर्चा खारिज हो गया था तो वहीं, इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन अपना पर्चा वापस ले लिया था। इन घटना के बाद दोनों ही प्रत्याशियों ने भाजपा का दामन थाम लिया। बता दें कि 2019 तक तरह इस बार भी भाजपा ने पुरी से संबित पात्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है।