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Haryana Election Results: हरियाणा में गड़बड़ा गया कांग्रेस का जाति समीकरण, जाट वोटों का प्रभाव
Haryana Election Results: हरियाणा में जाट एक महत्वपूर्ण मतदाता समूह हैं और कांग्रेस उनके समर्थन पर बहुत अधिक निर्भर थी। मगर इस चुनाव में कांग्रेस का जाति समीकरण गड़बड़ा गया।
Haryana Election Results: हरियाणा में मुकाबला एग्जिट पोल के पूर्वानुमान से अलग होता दिख रहा है। ईवीएम की गिनती शुरू होने के बाद से भाजपा ने महत्वपूर्ण बढ़त बनाए रखी है। जबकि एग्जिट पोल ने कांग्रेस को बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की थी। भाजपा हरियाणा में लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक जीत हासिल करने के करीब है और यह उसके आजमाए हुए चुनावी गणित - सभी गैर-जाट वोटों को एकजुट करने की जीत है। हरियाणा में जाट एक महत्वपूर्ण मतदाता समूह हैं और कांग्रेस उनके समर्थन पर बहुत अधिक निर्भर थी।
हरियाणा चुनाव परिणामों में जाट प्रभाव
हरियाणा के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 40 में जाटों की मजबूत उपस्थिति है। 1966 से जब हरियाणा पंजाब से अलग हुआ था तब से जाट समुदाय के सीएम ने 33 वर्षों तक राज्य पर शासन किया है। हालांकि हरियाणा के पहले और दूसरे सीएम, भगवत दयाल शर्मा और राव बीरेंद्र सिंह गैर-जाट थे, लेकिन गैर-जाट सीएम का कार्यकाल संक्षिप्त रहा है सिर्फ भजन लाल को छोड़कर, जो 11 साल से अधिक समय तक सत्ता में रहने के साथ हरियाणा के सबसे लंबे समय तक रहने वाले सीएम होने का रिकॉर्ड रखते हैं।
2014 में जब भाजपा राज्य में सत्ता में आई, तो उसने जाट समुदाय के एक बड़े नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा के दशक भर के शासन को समाप्त कर दिया। पार्टी ने पंजाबी खत्री मनोहर लाल खट्टर को सीएम पद पर नियुक्त किया। 2019 में भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई और उसे सत्ता बरकरार रखने के लिए जाट नेता दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी पर निर्भर रहना पड़ा।
इस बार की स्थिति
2024 के विधानसभा चुनावों से पहले जाट कई कारणों से भाजपा से नाराज़ थे, जिनमें सबसे प्रमुख किसान आंदोलन और पहलवानों का विरोध था। तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को खत्म किए जाने के बाद भी किसान फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। साल भर चले आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ कथित दुर्व्यवहार से समुदाय में अभी भी नाराजगी है। इस बीच पहलवानों के विरोध प्रदर्शन में जाट समुदाय से विनेश फोगट और साक्षी मलिक ने मुख्य भूमिका निभाई।
पार्टियों का गणित
कांग्रेस ने 28 जाटों को मैदान में उतारा जो दर्शाता है कि समुदाय के समर्थन पर उसे कितना भरोसा है। पूर्व सीएम हुड्डा ने यह तय करने में अहम भूमिका निभाई कि पार्टी किसे मैदान में उतारेगी और चुनाव अभियान की अगुआई की। इस बीच, भाजपा ने 16 जाट उम्मीदवारों को टिकट दिया। मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ओबीसी समुदाय से हैं। पार्टी ने उन्हें इस चुनाव में भी सीएम चेहरे के तौर पर पेश किया है। राज्य भाजपा प्रमुख मोहन लाल बडोली ब्राह्मण नेता हैं। जाट वोटों के दूसरे दावेदार जेजेपी का इस चुनाव में सफाया होता दिख रहा है। आज के अंतिम आंकड़े इस समुदाय को अपने पक्ष में करने की कांग्रेस की रणनीति पर फैसला होंगे, जबकि गैर-जाट वोटों को एकजुट करके भाजपा दो बार जीत हासिल कर चुकी है।