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Loksabha Election: वायनाड में राहुल गांधी को बड़ा झटका, वोटिंग से पहले कांग्रेस नेता ने छोड़ा साथ, BJP का दामन थामा
Loksabha Election 2024: सुधाकरन ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की जमकर तारीफ भी की।
Loksabha Election 2024: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उम्मीदवारी के कारण केरल की वायनाड लोकसभा सीट को हॉट सीट माना जा रहा है और इस सीट पर देशभर की निगाहें लगी हुई हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होने वाला है मगर वोटिंग से पहले इस सीट पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। वायनाड में जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव पीएम सुधाकरन ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
कांग्रेस नेता ने इस्तीफा का बताया कारण
कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले सुधाकरन ने अपने इस्तीफे का कारण भी बताया है। उन्होंने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव जीत कर राहुल गांधी वायनाड से सांसद बने थे मगर हमारे लिए वायानाड के सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक पहुंच आसान नहीं थी। उनसे मुलाकात काफी मुश्किल काम था और इस कारण हम क्षेत्र से जुड़ी बातें उनके साथ नहीं कर पाते थे। मेरा मानना है कि जब कांग्रेस नेताओं के लिए उनसे मिलना मुश्किल है तो क्षेत्र के आम मतदाताओं का क्या हाल होगा।
पीएम मोदी की जमकर तारीफ
सुधाकरन ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की जमकर तारीफ भी की। सुधाकरन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में विकास कार्यों की मुहिम छेड़ रखी है और उनके विकास कार्यों से मैं प्रभावित हुआ हूं। यदि केरल की जनता भी विकास चाहती है तो उसे वायनाड से भाजपा के उम्मीदवार के सुरेंद्रन का समर्थन करना चाहिए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्रन के चुनाव जीतने की स्थिति में वायनाड के लोगों को काफी लाभ मिलेगा।
वायनाड सीट पर क्या है सियासी तस्वीर
केरल में लोकसभा के बीस सीटें हैं और इन सभी सीटों पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में एक साथ वोटिंग होनी है। इस लोकसभा सीट पर राहुल गांधी के खिलाफ राज्य में सत्तारूढ़ एलडीएफ की तरफ से एनी राजा को चुनाव मैदान में उतारा गया है। भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रॅ राहुल और एनी राजा को चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
वायनाड लोकसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। 2009 में परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर पिछले तीन चुनाव में कांग्रेस ही जीत हासिल करती रही है। वैसे वाम दलों की ओर से की जा रही घेरेबंदी और भाजपा की ओर से पूरी ताकत झोंक जाने के कारण इस बार त्रिकोणात्मक मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।
राहुल गांधी इस सीट पर मजबूत जरूर नजर आ रहे हैं मगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस बार प्रचार में पसीना बहाना पड़ रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट ने राहुल गांधी की लाज बचाई थी क्योंकि उन्हें अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इस बार कांग्रेस ने अभी तक अमेठी सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।