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Haryana Congress: हरियाणा में कांग्रेस नहीं कर पा रही विपक्ष के नेता का फैसला, हुड्डा की जगह किसी और को जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी

Haryana Congress: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस को काफी उम्मीदें थीं मगर भाजपा ने लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता पर कब्जा कर लिया। भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस को 37 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 27 Nov 2024 12:46 PM IST (Updated on: 27 Nov 2024 12:51 PM IST)
Haryana Congress: हरियाणा में कांग्रेस नहीं कर पा रही विपक्ष के नेता का फैसला, हुड्डा की जगह किसी और को जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी
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Bhupinder Singh Hooda  (photo: social media ) 

Haryana Congress: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का नतीजा घोषित होने के बाद डेढ़ महीने से अधिक का समय बीत चुका है मगर कांग्रेस अभी तक विपक्ष के नेता पद को लेकर फैसला नहीं कर सकी है। पार्टी में आपसी गुटबाजी के कारण इस बाबत फैसला नहीं हो पा रहा है।

कई साल बाद यह पहला मौका है जब हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र विपक्ष के नेता के बगैर चला है। दरअसल कांग्रेस के 37 में से 33 विधायक हुड्डा समर्थक हैं मगर पार्टी नेतृत्व इस बार किसी दूसरे विधायक को विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी देना चाहता है। इसे लेकर चल रही खींचतान के कारण अभी तक यह मामला फंसा हुआ है।

चुनाव के दौरान दिखा गुटबाजी का असर

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस को काफी उम्मीदें थीं मगर भाजपा ने लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता पर कब्जा कर लिया। भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस को 37 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। कांग्रेस की इस हार में गुटबाजी को बड़ा कारण माना गया है। कांग्रेस हाईकमान के पास भी इस तरह की रिपोर्ट पहुंची है कि यदि हुड्डा और शैलजा गुट ने मिलकर चुनाव लड़ा होता तो चुनाव नतीजा कांग्रेस के पक्ष में हो सकता था।

टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार तक दोनों गुटों के बीच खींचतान की स्थिति बनी रही जिसका कांग्रेस के चुनाव अभियान पर काफी बुरा असर पड़ा। इसके साथ ही हुड्डा का अति आत्मविश्वास भी कांग्रेस को ले डूबा। हुड्डा का मानना था कि इस बार किसी भी सूरत में कांग्रेस की सरकार बनना तय है मगर चुनाव नतीजे में हुड्डा और कांग्रेस को करारा झटका लगा। चुनावी हार के बाद हुड्डा का विरोधी गुट हार के लिए उन्हें जिम्मेदार बता रहा है।


लगातार ईवीएम पर ठीकरा फोड़ रही कांग्रेस

चुनाव नतीजे के बाद कांग्रेस लगातार ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ने की कोशिश में जुटी हुई है। चुनाव आयोग की ओर से इस मुद्दे को ज्यादा तवज्जो न दिए जाने के बाद कांग्रेस ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए जरूर मंजूर कर लिया है मगर इस मामले में कब सुनवाई शुरू होगी और कब फैसला आएगा,यह कहना काफी मुश्किल है।


हुड्डा की जगह किसी और को मिल सकती है जिम्मेदारी

हरियाणा में सबसे हैरानी वाली बात यह है कि विधानसभा चुनाव का नतीजा आने के इतने दिनों बाद भी कांग्रेस विपक्ष के नेता पद को लेकर कोई फैसला नहीं कर सकी है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 37 विधायक चुने गए हैं और इनमें से 33 को हुड्डा समर्थक माना जाता है मगर कांग्रेस नेतृत्व इस बार हुड्डा की जगह किसी और नेता को विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी सौंपना चाहता है। इसके जरिए पार्टी नेतृत्व राज्य कांग्रेस की गुटबाजी को खत्म करने की कोशिश में जुटा हुआ है।


कांग्रेस के इन विधायकों के नाम चर्चा में

नेता विपक्ष के लिए कई विधायकों के नाम चर्चा में हैं। इनमें आफताब अहमद, चंद्रमोहन बिश्नोई अशोक अरोड़ा, डॉ रघुवीर कादियान और गीता भुक्कल के नाम शामिल हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस हाईकमान की ओर से किस विधायक के नाम पर मुहर लगाई जाती है।

माना जा रहा है कि यदि हुड्डा विपक्ष के नेता का पद पाने में कामयाब नहीं हुए तो वे अपने किसी करीबी को इस पद पर बिठाने की कोशिश करेंगे। इस मामले में कांग्रेस विधायक हाईकमान के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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